अजमेर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा 18 घंटे डेली सिर्फ राजस्थान की विकास की बात कर रहे हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियाेजना भारतीय जनता पार्टी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। 2017 में भाजपा की तत्कालीन
सरकार ने इस योजना पर काम शुरू किया था। लेकिन कुछ दिनों से मुख्य विपक्षी
पार्टी कांग्रेस द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। ईआरसीपी योजना के माध्यम से
पार्वती और कालीसिंध के पानी को लिफ्ट करके राजस्थान के 21 जिलों में
लाएंगे। पार्वती और काली सिंध के पानी को
लिफ्ट करके पूर्वी राजस्थान के लोगों को पीने और सिंचाई का पानी उपलब्ध हो
सके इस योजना पर काम कर रहे हैं।
जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत
शुक्रवार को अजमेर दौरे पर थे। रावत ने सर्किट हाउस में मीडिया से वार्ता
कर बयान जारी किया। रावत ने डोटासरा के बयान पर कहा कि जब डोटासरा सरकार
में थे, उनके घर पर कुछ लोग आए थे। उन्होंने उनका भी मजाक उड़ाया था। हाल
में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ऊपर जिस तरह की टिप्पणी की।
यह राजस्थान के सीएम का नहीं, किसानों का भी अपमान किया है। कांग्रेस के
प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा का हर बयान राहुल गांधी और सोनिया गांधी को खुश करने
वाला होता है। वह अपने सिर्फ बयान आलाकमान को खुश करने के लिए देते हैं।
कांग्रेस
सिर्फ राजस्थान की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। रावत ने कहा कि
अब तो राजस्थान का बच्चा-बच्चा कह रहा है डोटासरा ने अपने घरवालों के भी
आरपीएससी के माध्यम से मजे कर दिए। इस तरह की चर्चा का विषय लोगों के बीच
में बना हुआ है। रावत ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ ईआरसीपी को लेकर राजनीति
करती रही। वह सिर्फ बातें और बयानबाजी करते रहे। उन्होंने सिर्फ कागजों में
इस योजना को धरातल पर उतारने का काम नहीं किया। भाजपा सरकार ने उसको आगे
बढ़ाया और धरातल पर भी आगे बढ़ाया।
राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच में
डीपीआर एमओयू हो चुका है। देश के प्रधानमंत्री जल्द ही इसका शुभारंभ
करेंगे। राजस्थान में अगर जल क्रांति के सूत्रधार अगर कोई है तो वह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पार्वती और
काली सिंध सहित चंबल का पानी व्यर्थ में बहकर समुद्र में चला जाता है, वह
किसी काम का नहीं रहता। उस पानी को लिफ्ट करके लोगों को पीने और सिंचाई का
पानी उपलब्ध करवाएंगे।
रावत ने कहा कि जो यमुना समझौता हरियाणा
राजस्थान के बीच में वर्षों से अटका हुआ था डीपीआर बनाने का काम दोनों के
बीच समझौता हो चुका है। एमओयू हो चुका है। जिससे सीकर, चूरू और झुंझुनूं
तीन जिले इससे लाभान्वित होने वाले हैं। इसके साथ ही जो नर्मदा का पानी वह
और कैसे प्रदेश को मिले इस पर भी काम करेंगे। गांधी सागर का पानी बीसलपुर
में सीधा कैसे आए इस पर भी काम कर रहे हैं। रावत ने कहा कि अजमेर में
बीसलपुर से संबंधित दूसरे चरण का का काम चालू होगा। प्रथम चरण का जो काम है
बीसलपुर लिंक का उसके हमने टेंडर कर दिए हैं। उसका वर्क आर्डर भी दे दिया
गया है। अजमेर के जो मुख्य बांध और तालाब है उन्हें इससे जोड़ा जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / रोहित / संदीप