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भारत माला के तहत बनाए जा रहे एक्सप्रेस-वे के घोटाले में ईओडब्ल्यू ने बिल्डर्स के कार्यालय में की छापेमारी

दशमेश बिल्डर्स के कार्यालय में की छापेमारी

रायपुर, 30 अप्रैल (Udaipur Kiran) । आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को भारत माला परियोजना के तहत बनाये जा रहे एक्सप्रेस-वे में हुए मुआवजे के कथित घोटाले को लेकर दशमेश बिल्डर्स के कार्यालय में छापेमारी की। यह कार्यालय पहले ही 25 अप्रैल को सील किया जा चुका था। आज जांच टीम ने यहां दस्तावेजों की बारीकी से जांच की। रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच भारत सरकार की योजना के तहत इसका निर्माण कराया जा रहा है।

इस मामले में शुरुआती जांच में 43 करोड़ का घोटाला सामने आया था, लेकिन विस्तृत जांच में यह राशि बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। अब तक 164 करोड़ से ज्यादा के संदिग्ध लेन-देन के प्रमाण मिल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार यह मामला तब तूल पकड़ा, जब दिल्ली से दबाव आने पर नेशनल हाई-वे अथॉरिटी के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ने रायपुर कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए। विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मामले को उठाया था और सीबीआई जांच की मांग की है।

दशमेश डेवलपर्स हरमीत सिंह खनूजा की कंपनी है। कुछ दिनों पहले ही इस घोटाला मामले में हरमीत सिंह खनूजा को गिरफ्तार किया गया था। दशमेश इंस्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी में गिरफ्तार आरोपित हरमीत सिंह खनूजा और भावना कुर्रे भी साझेदार हैं। भावना कुर्रे अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं। उल्लेखनीय है कि रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच भारत सरकार की भारत माला परियोजना के तहत एक्सप्रेस वे बनाया जाना है। छत्तीसगढ़ से विशाखापट्टनम की दूरी करीब 546 किलोमीटर है। कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किमी हो जाएगी। यानी रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 83 किमी कम हो जाएगी। लेकिन जांच में सामने आया कि अधिकारियों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोड़ों की राशि हड़प ली गई।

आरोपों के अनुसार मुताबिक एकड़ के जमीनों को 500 से एक हजार वर्ग मीटर में काटा गया। वहीं 32 प्लॉटों को काटकर 142 प्लॉट बनाए गए। 32 प्लॉटों का मुआवजा 35 करोड़ बन रहा था, लेकिन छोटे टुकड़े काटने के बाद ये मुआवजा 326 करोड़ हो गया। हैरत की बात तो यह है कि इसमें भुगतान भी 248 करोड़ रुपए का कर दिया गया। इसमें 78 करोड़ का क्लेम बाकी था, जिसके बाद भंडाफोड़ हुआ। इसमें छोटे उरला, बड़े उरला, नायक बांधा गांव के किसानों की जमीन में गोल माल हुआ है। इससे पहले 25 अप्रैल को एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम की कार्रवाई में रायपुर और दुर्ग जिले के 18 से 20 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। अब तक इस मामले में चार लोगों हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। चारों को विशेष अदालत में पेश कर छह दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा

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