Uttar Pradesh

पर्यावरण संरक्षण युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी : डॉ. संजय सिंह

अतिथिगण

-पर्यावरण के दुष्प्रभावों का आंकलन अति आवश्यक : डॉ पीसी अभिलाष-राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) में दस दिवसीय समर स्कूल का शुभारम्भ

प्रयागराज, 05 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा जनपद के हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु आयोजित दस दिवसीय कार्यशाला (समर स्कूल) का आयोजन अकादमी के प्रेक्षागृह में शुरू हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई.सी.एफ.आर.ई के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने विश्व पर्यावरण दिवस की सार्थकता पर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के उपायों पर शोध कार्य करें और इसकी गति को धीमी करें। अन्यथा आने वाले दिनों में जल, मृदा एवं वायु प्रदूषण अपने चरम पर होंगे।

मुख्य वक्ता आई.ई.एस.डी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.) के डॉ.पी.सी.अभिलाष ने पर्यावरण असंतुलन पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि जैव विविधता एवं प्राकृतिक श्रोतों पर पर्यावरण के दुष्प्रभावों का आंकलन अति आवश्यक है। अगर विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण की प्रवृत्ति प्रारम्भ से ही आ जाये तो बिगड़े हुए पर्यावरण को सुधारने में मदद मिल सकती है।

अकादमी के कार्यकारी सचिव डॉ. संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतवर्ष की सबसे पुरानी अकादमी है। जिसमें लब्ध प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने विज्ञान में शोध कार्यो को प्रोत्साहित कर अनेक उपलब्धियां हासिल की है। जो बाल वैज्ञानिकों में वैज्ञानिक चेतना जागृत कर उनकी विज्ञान में रुचि उत्पन्न करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष आयोजित की जाती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो.एस.एम. प्रसाद ने दस दिवसीय कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों के लिए इसकी उपयोगिता एवं सार्थकता के बारे में बताया।

द्वितीय सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुरली मनोहर वर्मा ने यूनिवर्स की संरचना एवं विकास के सम्बंध में रोचक जानकारी दी। डॉ. जी.एस. तोमर अध्यक्ष, विश्व आयुर्वेद मिशनः हरित योग पर जानकारी दी। इस अवसर पर पर्यावरण पर आधारित लिखित में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन आई.सी.एफ.आर.ई द्वारा किया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों से चयनित विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम का संचालन रश्मि, संयोजन प्रोफेसर स्वप्निल श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन नोडल समन्वयक संजय श्रीवास्तव ने किया।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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