जम्मू, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । पर्यावरण स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल में, भारतीय सेना ने राजौरी, पुंछ और रियासी के दूरदराज के जिलों में प्रभावशाली कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित करके विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया। समारोह का उद्देश्य स्थानीय समुदायों को संधारणीय प्रथाओं में शामिल करना और स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच महत्वपूर्ण संबंधों की गहरी समझ को बढ़ावा देना था।
समारोह की शुरुआत कार्यशालाओं से हुई, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन, वायु और जल गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभावों सहित विभिन्न पर्यावरणीय स्वास्थ्य विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। स्थानीय निवासियों, स्कूली बच्चों और समुदाय के नेताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो उनके पर्यावरणीय परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन कार्यशालाओं ने बहुमूल्य जानकारी और व्यावहारिक सुझाव दिए।
भारतीय सेना ने स्थानीय स्कूलों के साथ मिलकर वाद-विवाद जैसी आकर्षक गतिविधियों की मेजबानी भी की, जहाँ छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। तीनों जिलों में सेना के स्वयंसेवकों और स्थानीय निवासियों द्वारा एक वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। हरियाली बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और स्थानीय जैव विविधता को बहाल करने के लिए सैकड़ों पौधे लगाए गए। वनरोपण के लाभों पर सत्र शामिल किए गए, जिसमें प्रतिभागियों से यह समझने का आग्रह किया गया कि पेड़ स्वच्छ हवा और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र में कैसे योगदान करते हैं।
यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में मिलकर काम करने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ संपन्न हुआ। इस समारोह ने न केवल भारतीय सेना की सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति समर्पण को उजागर किया, बल्कि पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में सामुदायिक भागीदारी की शक्ति को भी प्रदर्शित किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा