
धौलपुर, 1 जून (Udaipur Kiran) । मधुकर सेवा संस्थान की ओर से रविवार को पर्यावरण और कुटुंब प्रबोधन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर के मयूरी विशेष विद्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में पर्यावरण संतुलन की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर मंथन हुआ।
विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा के पूर्व उपकुलपति दुर्ग सिंह चौहान ने पर्यावरण संतुलन को जीवन के लिए आवश्यक बताया। वहीं, पर्यावरण के सुधार के लिए विभिन्न प्रजाति के फलदार और छायादार पौधों को भी रोपित करने और उनकी देखभाल पर बल दिया। उन्होंने कुटुंब प्रबोधन पर बोलते हुए कहा कि हमारी ”वसुधैव कुटुंबकम” की विराट अवधारणा के लिए हमारे कुटुंब का मजबूत होना जरूरी है। परिवार भारतीय समाज की वह प्रथम कड़ी है, जहाँ परिवर्तन की नींव सशक्त बनती है। मधुकर सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. राधेश्याम गर्ग ने कहा कि मानव जीवन के लिए पर्यावरण संतुलन आज के दौर की महती आवश्यकता है। विकास की दौड में पर्यावरण के मानक पीछे छूट गए हैं। हमें पर्यावरण संतुलन के लिए अधिक से अधिक पेड लगाने के साथ-साथ इस हेतु समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरित करने की आवश्यकता है। विचार गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कुटुंब प्रबोधन के संयोजक अनुराग शर्मा ने कहा कि परिवार समाज की प्रथम इाकई है। परिवार से मिलकर कुटंब तथा समाज का निर्माण होता है। आज के दौर में संयुक्त परिवार एक महती आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संयोजक रामख्तयार सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। विचार गोष्ठी में मयूरी विशेष विद्यालय की संचालिका मधु गर्ग, रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव संजीव श्रीवास्तव, राजस्थान पेंशनर्स समाज के जिला अध्यक्ष विशंभर दयाल शर्मा,वैद्य कन्हैयालाल शर्मा एवं धर्मेन्द्र सिंह सहित अन्य मौजूद रहे। संचालन रामअवतार सिंह ने किया।
—————
(Udaipur Kiran) / प्रदीप
