
सागर, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कलेक्टर संदीप जी आर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी में जितने बच्चे पंजीकृत हैं उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करें एवं अनुपस्थित बच्चों के नाम आंगनबाड़ी केंद्र की दीवार पर अंकित करें। सभी सीडीपीओ अपनी परियोजना में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र बनाएं जिले की सर्वश्रेष्ठ आंगनबाड़ी केंद्र को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने बच्चों सहित गर्भवती एवं धात्री माताओं के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए प्रभावी ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नवीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण में गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाए। बच्चों की दृष्टि से भवनों में आवश्यक समस्त सुविधाएं उपलब्ध हों।
कलेक्टर ने बुधवार को एनआरसी भर्ती की भी समीक्षा की और निर्देश दिए कि कोई भी बच्चा कुपोषित न रहे, उन्हें एनआरसी भेजें, वहां उन्हें गुणवत्तापूर्ण भोजन दें। उल्लेखनीय है कि 08 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। उन्होंने पोषण भी पढ़ाई भी के तहत निर्देश दिए हैं कि सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में मुनगा के पौधे अवश्य लगाएं और इसे बच्चों के भोजन में अवश्य शामिल करें। उन्होंने सभी सीडीपीओ, सुपरवाइजर्स को गुड टच एंड बैड टच के लिए प्रशिक्षण देने के लिए भी कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि इस संबंध में सभी संवेदनशील रहें और बच्चों, परिजनों को प्रशिक्षित करें। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी बृजेश त्रिपाठी, सीएमएचओ डॉ ममता तिमोरे, सभी सीडीपीओ, सुपरवाइजर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद थीं।
कलेक्टर संदीप जी आर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के साथ संवेदनशीलता के साथ उनकी तीन माह में होने वाली जांच सहित अन्य सभी जांचे समय सीमा में कराएं। इसी प्रकार 16 वर्ष से अधिक की बालिकाओं की भी हीमोग्लोबिन की जांच कराएं एवं उचित खानपान की सलाह दें। इस संबंध में उन्हें हेल्थ कार्ड भी दें। सभी आंगनवाड़ी केंद्र समय से संचालित हों यह सुनिश्चित करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका केंद्र पर पहुँच कर पोषण ट्रेकर एप पर उपस्थिति दर्ज करें।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक भी केंद्र निरीक्षण सुनिश्चित करें। अपनी उपस्थिति सम्पर्क पर भी दर्ज करें। उन्होंने निर्देश दिए कि पोषण ट्रेकर / संपर्क में वास्तविक उपस्थिति दर्ज हो, इस हेतु भी परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक आकस्मिक रुप से वीडियो कॉल आदि से पुष्टि करते रहें। केंद्रों में सुबह नियत समय पर मेन्यू के अनुसार ताज़ा गर्म पौस्टिक रुचिकर नाश्ता, प्रति संचालन दिवस पर समूह द्वारा स्वच्छता पूर्वक परोसा जाए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि समूह द्वारा नाश्ता, भोजन में मुंनगे के पत्ते, चुकंदर, पालक, मैथी आदि हरी सब्जियों को स्वादिष्ट भोजन के रूप में परोसा जाए। आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु परियोजना अधिकारी उपयुक्त भूमि स्थल चयन करें एवं समय सीमा निर्माण हेतु आवश्यक मानिटरिंग कर कठिनाइयों को स्थानीय जनपद इंजिनियर सहित वरिष्ठ स्तर पर भी सूचित करें। गृह भेंट के माध्यम से किशोरी बालिकाओं की काउंसलिंग भी की जाए। उनकी एनेमिक स्थिति मे सुधार हेतु आवश्यक हेल्थ चेकअप भी कराते रहें। एनआरसी मे कोई बेड खाली न रहे। सीसेम के तहत सम्पर्क ऐप में नियत फॉलोअप अनिवार्य रुप से पूर्ण किये जाएं और सभी सेम, मेम को सामान्य में लाने प्रभावी कार्यवाही समय सीमा मे करें।
उन्होंने कहा कि सभी परियोजना अधिकारी अगली बैठक में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र की रिपोर्ट प्रस्तुत करें इस हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रभावी ईसीई प्रशिक्षण सतत रुप से कराया जाये। जिले में महिला बाल विकास , स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पुलिस विभाग का संयुक्त सुरक्षा संवाद कार्यक्रम हर ग्राम /वार्ड मे महिलाओं बेटियों के साथ प्रभावी रुप से क्रियान्वयन नोडल अधिकारी परियोजना अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का संतुष्टि पूर्वक समय सीमा में निराकरण हो। टीम वर्क के साथ विभिन्न विभागों के समन्वय से सभी परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को सफल नेतृत्व देते हुए अपने समस्त दायित्वों को समय सीमा मे पूर्ण करें तथा उत्कृष्ट कार्य हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका को प्रोत्साहित भी करें। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अपनी अपने क्षेत्र के संपर्क ग्रुप को और अपडेट करें और सभी ग्राम वासियों को उसमें जोड़ें। संपर्क ग्रुप के माध्यम से शासन एवं जिला प्रशासन के द्वारा दी जाने वाली लोक हित कारी योजना की जानकारी उसमें शेयर करें।
(Udaipur Kiran) तोमर
