—केन्द्रों में प्रदान की जा रहीं सेवाओं व स्वच्छता का होगा मूल्यांकन,70 फीसदी से अधिक अंक मिले तो नेशनल हेल्थ टीम करेगी अंतिम मूल्यांकन
वाराणसी,28 अगस्त (Udaipur Kiran) । भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड (एनक्वास) के तहत पहली बार वाराणसी जिले के 14 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का नामांकन हुआ है। हाल ही में स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से किए गए जनपद स्तरीय मूल्यांकन में इन 14 शहरी पीएचसी ने 80 फीसदी से अधिक प्राप्त कर पहले असेसमेंट को पार कर लिया है। जल्द ही इन शहरी पीएचसी का दूसरा और तीसरा (अंतिम) मूल्यांकन का कार्य पूरा किया जाएगा। अंतिम असेसमेंट में बेहतर प्रदर्शन करने पर पीएचसी को एनक्वास का दर्जा मिलेगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी के अनुसार सामुदायिक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं और स्वच्छता को सुदृढ़ करने के लिए विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं सुविधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाली चिकित्सा इकाइयों को भारत सरकार के नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड (एनक्वास) सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में वाराणसी से पहली बार एक साथ 14 शहरी पीएचसी ने एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए नामांकन किया गया है। नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों में लगातार बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराने पर ज़ोर दिया जा रहा है। हर माह की 20 22 तारीख को लक्ष्य के सापेक्ष डाटा फीड करने के लिए निर्देशित किया गया है। पीएचसी पर साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए ज़ोर दिया गया है। मरीज को आवश्यक उपचार, दवा और परामर्श मिले और किसी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए चिकित्सक और स्टाफ को निर्देशित किया गया है।
सीएमओ ने कहा कि शहरी पीएचसी पर प्रदान की जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं का अवलोकन नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह और क्वालिटी के नोडल अधिकारी डॉ वाईबी पाठक की देख रेख में किया जा रहा है। शहरी सीएचसी पर भी यह कार्य किया जा रहा है, जल्द ही उनका भी नामांकन किया जाएगा। क्वालिटी एश्योरेंस के मंडलीय सलाहकार डॉ तनवीर सिद्दीकी ने बताया कि पहली बार जनपद की एक साथ 14 शहरी पीएचसी ने एनक्वास के लिए नामांकन किया गया है। अब इन सभी शहरी पीएचसी का दूसरा मूल्यांकन किया जाएगा जो भी पीएचसी 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त कर लेगी तो उसका अंतिम मूल्यांकन नेशनल हेल्थ टीम के द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए समस्त स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा। अंतिम मूल्यांकन में भी 70 फीसदी से अधिक आते हैं तो वह शहरी पीएचसी एनक्वास सर्टिफाइड हो जाएगी, जो कि अगले तीन साल तक के लिए मान्य होगा।
—14 शहरी पीएचसी
शहरी पीएचसी शिवपुर, कैंटोमेंट, टाउनहाल, पाण्डेयपुर, जैतपुरा, कोनिया, बजरडीहा, भेलूपुर, मदनपुरा, लल्लापुरा, माधोपुर, दुर्गाकुंड, मँड़ुआडीह और अर्दली बाजार है।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी