नई दिल्ली, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) बजट सत्र से पूर्व संसद भवन में प्रवेश करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों से अपील की है कि वह अब चुनावी राजनीति से ऊपर उठकर जनता के हित में रचनात्मक भूमिका निभाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले साढ़े चार साल देश को समर्पित होकर संसद का उपयोग करें। जनवरी 2029 में जब चुनाव का वर्ष होगा तब फिर जाइये मैदान में। उन छह महीनों में जो राजनीतिक खेल खेलना है, खेल लीजिए। लेकिन तब तक सिर्फ देश, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए जनभागीदारी का जनआंदोलन खड़ा करें।
बजट सत्र से पहले परम्परागत रूप से पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस संसद के सबसे महत्वपूर्ण मानसून सत्र की शुरूआत हो रही है। देश बहुत ध्यान से देख रहा है कि संसद का यह सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नींव रखने वाला हो ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देशवासियों को जो गारंटी दी है, उन गारंटियों को जमीन पर उतारने के लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं । यह बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो मौका मिला है वे हमारी दिशा तय करेंगे कि सन् 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे तब तक विकसित भारत का सपना पूरा करे। हर देशवासी के लिए गर्व की बात है कि भारत बड़ी इकॉनामी वाला देश है । तीन सालों में लगातार 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत में पॉजिटिव आउटलुक, इन्वेंस्टमेंट और परफॉर्मेंस पीक पर है। यह अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से कहा कि हमने गत जनवरी से लेकर के अब तक, हमारे पास जितना सामर्थ्य था, जितनी लड़ाई लड़नी थी, लड़ ली। जनता को जो बताना था बता लिया। अब वो दौर समाप्त हो गया। अब सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी दलों की जिम्मेदारी है कि हम मिलकर अगले 5 साल तक देश के लिए लड़ें, देश के लिए जूझें। हमें एक और नेक बनकर जूझना है। लेकिन मुझे आज बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद के महत्वपूर्ण समय को अपनी विफलताएं ढांकने के लिए दुरुपयोग किया। नई संसद गठन होने के बाद पहले सत्र में जिस तरह से जनमत को नकारने का काम किया गया, देश के प्रधानमंत्री की आवाज रोकने का काम किया गया, इसका विपक्षी दलों को कोई दुःख नहीं है । जबकि यह सभी के लिए दुःखद होना चाहिए था।
प्रधानमंत्री ने सभी दलों से अपील की है कि जो सांसद पहली बार सदन में आए हैं, उन्हें बोलने का मौका दीजिए। देशवासियों ने हमें संसद में देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं। मैं उम्मीद करता हूं कि सभी सांसद चर्चा को समृद्ध करेंगे। देश को प्रगति की विचारधारा की जरूरत है । मैं आशा करता हूं कि सभी दल और उसके सांसद लोकतंत्र के इस मंदिर का देशवासियों की आशाओं को पूरा करने के लिए उपयोग करेंगे ।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा / जितेन्द्र तिवारी