Haryana

हिसार में होगा ‘इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन : नरसी राम बिश्नोई 

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई

कुलपति ने दी सम्मेलन की विस्तार से जानकारी

हिसार, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के सौजन्य से 7 से 9 नवंबर तक ‘इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स’ विषय पर पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीईएमक्यूपी-2024) का आयोजन किया जाएगा। इससे पूर्व 6 नवम्बर को ‘प्रडिक्टिव मॉडलिंग इन मेटीरियल साइंस यूजिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा मशीन लर्निंग’ विषय पर प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा। यह कार्यशाला व आईसीईएमक्यूपी-2024 विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड तथा अनुसंधान एवं परमाणु विज्ञान बोर्ड द्वारा प्रायोजित है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने सोमवार को बताया कि हम उभरती हुई सामग्रियों एवं क्वांटम फोटोनिक्स के विशेषज्ञों के ऐसे विविध समूह को एक साथ लाने के लिए उत्साहित हैं।

यह सम्मेलन न केवल इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाएगा बल्कि नए विचारों और अनुप्रयोगों को भी प्रेरित करेगा, जो प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार दे सकते हैं। इस सम्मेलन में दुनिया भर के अग्रणी शोधकर्ता, उद्योग विशेषज्ञ तथा विद्यार्थी मेटीरियल साइंस सामग्री विज्ञान व फोटोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी शोध करने के लिए एकत्रित होंगे। सम्मेलन में प्रतिभागी तकनीकी भविष्य को आकार देने में इमर्जिंग मेटीरियल्स एंड क्वांटम फोटोनिक्स की परिवर्तनकारी क्षमता का पता लगाएंगे।

भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग व नवाचार को बढ़ावा देना है तथा क्वांटम प्रौद्योगिकी के तेजी से विकसित होते परिदृश्य को समझना तथा प्रचारित करना है। सम्मेलन के प्रमुख विषयों में नोवल सामग्रियों का विकास, क्वांटम ऑप्टिक्स में प्रगति और संचार, कंप्यूटिंग और सेंसिंग में इन तकनीकों का अनुप्रयोग शामिल है।

सम्मेलन की अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति में फ्लोरिडा पॉलिटेक्निक, यूएसए से प्रो. अजीत कौशिक, आईआईटी दिल्ली से प्रो. अनुराग शर्मा, आईयूएसी, नई दिल्ली से डॉ. डी. कांजीलाल, यूनिवर्सिटी ऑफ वोल्वरहैम्पटन, यूके से प्रो. किरण गुलिया, बीएआरसी, मुंबई से डॉ. एस. एम. यूसुफ, आदि शामिल हैं। सम्मेलन की शुरुआत तकनीकी कार्यक्रमों से होगी, जिसमें एनपीएल, नई दिल्ली के डॉ. बिपिन गुप्ता, आईआईटी, गुवाहाटी के प्रो. गगन कुमार, केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा महेन्द्रगढ़ की प्रो. सुनीता श्रीवास्तव तथा आईयूएसी, नई दिल्ली के डॉ. सर्वेश कुमार के विशेष व्याख्यान शामिल हैं। प्रमुख सत्रों के अतिरिक्त सम्मेलन में पैनल चर्चा, तकनीकी कार्यशालाओं तथा पोस्टर प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को सार्थक संवाद में शामिल होने और अपने शोध निष्कर्षों को साझा करने के लिए एक मंच मिलेगा।

कुलपति ने बताया कि 6 नवंबर को होने वाली प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशाला में आईआईटी मंडी से प्रोफेसर आरती कश्यप, आईआईटी मद्रास से डॉ. रोहित बत्रा तथा डीएसटी, नई दिल्ली से डॉ. अखिलेश मिश्रा सहित प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के विशेषज्ञ व्याख्यान होंगे, जो संबंधित क्षेत्र में नवीनतम सफलताओं पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। इस कार्यक्रम में उभरते वैज्ञानिकों के अत्याधुनिक शोध को भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें अगली पीढ़ी के नवोन्मेषकों को सलाह देने और उनका समर्थन करने के महत्व पर प्रकाश डाला जाएगा।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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