कोलकाता, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में आलू की बढ़ती कीमतों को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार को टास्क फोर्स की आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आलू के निर्यात पर अस्थायी रोक लगाई जाएगी, ताकि राज्य के बाजारों में कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को नवान्न में प्रेस वार्ता के दौरान यह मुद्दा उठाया था कि आलू का निर्यात उनकी जानकारी के बिना बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे राज्य में आलू की कीमतें बढ़ रही हैं। इस पर उन्होंने टास्क फोर्स को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया। शुक्रवार को हुई बैठक में टास्क फोर्स ने आलू निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को उम्मीद है कि इससे कीमतों में कमी आएगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्थानीय थानों की पुलिस के सहयोग से बाजारों में नियमित जांच अभियान चलाया जाएगा। टास्क फोर्स के सदस्य पहले ही बाजारों का दौरा कर रहे हैं और उनके निरीक्षण में सब्जियों की कीमतें काफी हद तक नियंत्रण में पाई गई हैं।
टास्क फोर्स के सदस्य रविंद्रनाथ कोले ने बताया कि आलू व्यापार संघ ने प्रति किलो आलू की कीमत 26 रुपये तय की थी। लेकिन हालिया परिस्थितियों के कारण इसे 28 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। यह बाजार तक पहुंचते-पहुंचते 35 से 40 रुपये प्रति किलो हो जा रहा है। केवल दो रुपये की अतिरिक्त कीमत के कारण बाजार में इतनी महंगाई हो रही है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में प्याज की कीमतों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि नासिक से प्याज आयात करने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। इस पर टास्क फोर्स ने आश्वासन दिया कि प्याज का आयात राज्य में हो रहा है और जल्द ही इसकी कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी।
टास्क फोर्स की बढ़ती सक्रियता से राज्य सरकार मूल्य वृद्धि पर लगाम लगाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है। इस फैसले से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर