-बोले—निजीकरण व्यापक जनहित में नही है, जनता महंगी बिजली का दंश झेलने को मजबूर होगी
वाराणसी, 29 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार बिजली को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर कर्मचारी संगठन उबलने लगे हैं। शुक्रवार को सरकार के फैसले के खिलाफ कर्मचारी संगठनों ने जमकर विरोध जताया। संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में परियोजना मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने निजीकरण के विरूद्ध निर्णायक संघर्ष का संकल्प भी लिया।
प्रदर्शन में शामिल कर्मचारी नेता इंजिनियर अविनाश कुमार, इ. नरेंद्र वर्मा, डॉ. आर. बी. सिंह ने कहा कि निजीकरण व्यापक जनहित में नहीं है। जनता महंगी बिजली का दंश झेलने को मजबूर होगी। कर्मचारी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निजीकरण के फैसले को निरस्त कराने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन घाटे के नाम पर कौड़ियों के मोल अरबों-खरबों की परिसम्पत्तियाँ बेचने में व्यस्त हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्यवाही की गयी तो बिजली कर्मचारी लोकतांत्रिक ढंग से संघर्ष करने के लिए विवश होंगे। प्रदर्शन में माया शंकर तिवारी, राजेन्द्र सिंह, मदन श्रीवास्तव, रामकुमार झा, रमाशंकर पाल, संतोष वर्मा, विजय सिंह, वीरेंद्र सिंह, राजेश सिंह, जमुना पाल आदि भी शामिल रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी