Uttar Pradesh

आईआईटी कानपुर में हुआ विद्युत नियामकीय सम्मेलन, सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित

आईआईटी कानपुर में विद्युत क्षेत्र में हुआ नियामकीय सम्मेलन, सर्वोत्तम प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित

कानपुर, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में विद्युत क्षेत्र में नियामकीय सम्मेलन हुआ। इसमें महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह था कि लेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन्स के बीच रिपोर्टिंग मानकों में एकरूपता और मानकीकरण की आवश्यकता है। सम्मेलन ने भारतीय विद्युत क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और हितधारक सहभागिता में सुधार के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयास एक अधिक लचीले और सक्षम नियामकीय ढांचे का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे हितधारकों के प्रति उच्च उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।

आईआईटी में ऊर्जा नियमन केंद्र ने भारतीय विद्युत क्षेत्र में नियामकीय शासन, इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन्स के लिए रिपोर्टिंग और लेखांकन ढांचा शीर्षक से एक वर्चुअल नियामकीय सम्मेलन की मेजबानी की। इस आयोजन में सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन, स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन और प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों को एक साथ लाया गया। सम्मेलन में चर्चा का केंद्र इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन्स के जरिये मजबूत उत्तरदायित्व तंत्र और लगातार रिपोर्टिंग प्रथाओं के महत्व पर था। विशेषज्ञों ने भारतीय विद्युत क्षेत्र में नियामकीय शासन ढांचे के भीतर दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए वैश्विक मानकों को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रबंधन विज्ञान विभाग, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अनूप सिंह ने चर्चा की कि ईआरसी के रिपोर्टिंग ढांचे में ईए 2003 के जरिये अनिवार्य और संबंधित सरकार द्वारा जारी नियमों द्वारा उल्लिखित ढांचे के तहत वार्षिक रिपोर्ट और वार्षिक खाता विवरण का प्रकाशन शामिल है। सीईआर ने ईआरसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले रिपोर्टिंग ढांचे का गहन विश्लेषण किया, उनके दायरे, विवरण के स्तर और प्रमुख हितधारकों के प्रति जवाबदेही का आकलन किया और रिपोर्ट और बयानों का समय पर प्रकाशन किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हितधारकों को नवीनतम जानकारी तक तुरंत पहुंच प्राप्त हो।

आईआईटी कानपुर के प्रबंधन विज्ञान विभाग में ऊर्जा नियमन केंद्र को यूके के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय द्वारा बीज पूंजी के माध्यम से स्थापित किया गया था। ऊर्जा नियमन केंद्र नियामकीय अनुसंधान, क्षमता निर्माण, और ज्ञान प्रसार गतिविधियों का नेतृत्व करता है, जो भारतीय विद्युत क्षेत्र में नियामक निकायों, उपयोगिताओं, और अन्य हितधारकों के बीच संपर्कों को बढ़ावा देता है ताकि सतत विद्युत क्षेत्र विकास को बढ़ावा मिल सके।

(Udaipur Kiran) / अजय सिंह / मोहित वर्मा

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