Uttar Pradesh

विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा, निजीकरण किसी भी तरह से हित में नहीं

अवधेश कुमार वर्मा

लखनऊ, 01 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दक्षिणांचल पूर्वांचल के निजीकरण पर सवाल उठाते हुए पावर कारपोरेशन को बहस की खुली चुनौती दी। परिषद ने कहा कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल के निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस का भुगतान कौन करेगा। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि किसी भी तरह से निजीकरण हित में नहीं है।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि निजीकरण के बाद सब्सिडी का क्या होगा उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 33122 करोड़ सर प्लस है। यदि उसको चार भागों में बांट दिया जाए तो दक्षिणांचल और पूर्वांचल पर लगभग 16000 करोड़ के आसपास उपभोक्ताओं का निकलेगा। ऐसे में उसे क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को सर प्लस राज की अदायगी कौन करेगा। इन सब सवालों पर जवाब देना होगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अनेकों ऐसे सवाल है, जिनका उत्तर प्रदेश सरकार व पावर कारपोरेशन को जवाब देना चाहिए। उपभोक्ता परिषद पावर कारपोरेशन को खुली बहस की चुनौती देता है और मैं चाहूंगा कि सरकार एक निष्पक्ष हाई लेवल कमेटी बनाये और उसके सामने पावर कॉरपोरेशन और उपभोक्ता परिषद की बहस का सार्वजनिक स्थान पर आयोजन करें। उपभोक्ता परिषद सिद्ध कर देगा कि निजीकरण उपभोक्ताओं के हित में नहीं है और उपभोक्ता परिषद पावर कारपोरेशन के लिए डिस्काम सुधार योजना देने को तैयार है। अनेक बार उपभोक्ता परिषद डिस्कॉम सुधार योजना देने की बात कर चुका है लेकिन पावर कॉरपोरेशन चुपी साध लेता है।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय

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