हमीरपुर, 24 मई (Udaipur Kiran) । चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने कुछ नई पहल की हैं, जिन्हें हिमाचल प्रदेश में भी लागू किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार अब एक मतदान केंद्र के लिए अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की गई है, ताकि मतदान के दिन मतदान केंद्रों पर अधिक भीड़ न हो और मतदाता आसानी से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
इसके लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मतदाता सूचियों से मृत लोगों के नाम तुरंत हटाने के लिए मृत्यु पंजीकरण की जानकारी सीधे रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के डेटाबेस से प्राप्त की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों से बेहतर समन्वय के लिए राज्य, जिला और उपमंडल स्तर पर इन दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इसके अलावा बूथ लेवल एजेंटों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। चुनाव अधिकारियों और प्रत्याशियों के लिए भी प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है।
नंदिता गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में ईसीआईनैट डैशबोर्ड भी शुरू किया गया है, जिससे सभी निर्वाचन सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। मतदाता पहचान पत्र की डुप्लीकेसी को रोकने के लिए अब प्रत्येक पहचान पत्र के लिए अद्वितीय यानि यूनिक नंबर आवंटित किया जाएगा। बूथ लेवल अधिकारियों को मानक फोटो पहचान पत्र दिए जा रहे हैं। बूथ लेवल अधिकारियों, मीडिया नोडल अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मतदाता सूचना पर्चियों को अधिक स्पष्ट एवं उपयोग अनुकूल बनाया गया है। अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएंगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ये सभी प्रयास निर्वाचन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।
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(Udaipur Kiran) / विशाल राणा
