मुंबई ,16 अगस्त ( हि.स.) । मुंबई, ठाणे के बाद अब कल्याण-डोंबिवली शहर तेजी से विकसित हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सभी एजेंसियों को ठाणे शहर की तर्ज पर यहां के नागरिकों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी योजनाएं लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि भविष्य में कल्याण डोंबिवली क्षेत्र की पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नगर निगम, जल संसाधन विभाग और अन्य प्रणालियों को मिलकर काम करना चाहिए।
कल्याण लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बैठक हुई.।इस मौके पर सांसद डाॅ. श्रीकांत शिंदे, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव डाॅ. चहल, विकास खड़गे, शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव गोविंदराज, उद्योग विभाग के सचिव हर्षदीप कांबले, वित्त विभाग की सचिव शैला ए, कल्याण डोंबिवली नगर निगम के आयुक्त डॉ. इन्दुरानी जाखड़ एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि कल्याण शहर में तेजी से नए निर्माण कार्य हो रहे हैं.। इससे नई आबादी बढ़ेगी. इस बढ़ते क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करना आवश्यक है। इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा वर्तमान में अतिरिक्त के रूप में उपलब्ध कराये जा रहे पानी को नियमित किया जाये। एमआईडीसी को उद्योगों को पुनर्नवीनीकृत पानी की आपूर्ति भी करनी चाहिए और नगर पालिकाओं को पीने के लिए अच्छा पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में पानी की बढ़ती आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इस क्षेत्र के लिए प्रस्तावित बांधों का कार्य तेजी से किया जाना चाहिए। साथ ही कल्याण डोंबिवली नगर निगम में शामिल 27 गांवों के निवासी जो कल्याण डोंबिवली नगर निगम में अनुबंध के आधार पर काम कर रहे हैं, उन्हें भी कल्याण डोंबिवली नगर निगम में बनाए रखने की कार्रवाई की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि इस गांव में अनाधिकृत निर्माणों को क्लस्टर का दर्जा देकर नियमित करने का प्रस्ताव भेजा जाए। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, इसके साथ ही कल्याण डोंबिवली में खतरनाक इमारतों के पुनर्विकास में तेजी लाने के लिए उन्हें ठाणे शहर की तर्ज पर क्लस्टर और विकसित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को डोंबिवली में पेंढारकर कॉलेज के मुद्दे को हल करने और छात्रों और शिक्षकों को न्याय देने का निर्देश दिया।
(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा यादव