
जयपुर, 2 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से बीते पांच साल में दिए पांच सौ टेंडरों में भ्रष्टाचार की जांच को लेकर जांच एजेंसी को आठ सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश टीएन शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील सिहाग अदालत में हाजिर हुए। उन्होंने अदालत में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश कर कहा कि मामले में अदालती आदेश की पालना के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। प्रकरण में पांच सौ टेंडर की जांच की जानी है। जिसमें समय लगने की संभावना है। इसलिए मामले में आठ सप्ताह का समय दिया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई आठ सप्ताह के लिए टाल दी है।
याचिका में अधिवक्ता पीसी भंडारी ने बताया कि साल 2019 में डीओआईटी के तत्कालीन अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की ओर से पेश एफआर को एसीबी कोर्ट ने गलत मंजूर किया है। मामले में गत सुनवाई को अदालत ने एसीबी के डीजी रवि मेहरडा की उपस्थिति में डीओआईटी की ओर से बीते पांच साल में दिए सभी टेंडरों की जांच करने के मौखिक आदेश दिए थे।
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(Udaipur Kiran)
