Chhattisgarh

आठ दिनों बाद बाघ ट्रैप कैमरा में कैद, बैल का किया शिकार

जंगल में झाड़ियों के बीच ट्रैप कैमरा में कैद बाघ की तस्वीर।

धमतरी, 25 मई (Udaipur Kiran) । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अरसीकन्हार रेंज के जंगल में 18 मई को ग्रामीणों ने बाघ का पद चिन्ह देखा था, तब से बाघ का तस्वीर कैद करने यहां 150 से अधिक ट्रैप कैमरा लगाया था। आठ दिनों बाद बाघ इस कैमरा में कैद हो गया। बाघ यहां एक बैल का शिकार कर अपना भूख भी मिटाया है। कुछ दिनों पहले बाघ व तेंदुए के बीच जमकर हमला हुआ था और घायल तेंदुए जंगल भाग निकला था। इधर जंगल में बाघ के पग चिन्ह व तस्वीर कैद होने के बाद से क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत है। हालांकि वन विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर क्षेत्र के गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों को अलर्ट जारी कर दिया है।

उदंती सीतानदी के उपनिदेशक वरूण जैन ने रव‍िवार को बताया कि टाईगर रिजर्व क्षेत्र में एक बाघ पहुंचा है। इसकी तस्वीर ट्रैप कैमरा में कैद हो चुका है। झाड़ियों की वजह से फोटो क्लीयर नहीं है। स्पष्ट तस्वीर लेने की कोशिश जारी है। लंबे समय बाद जंगल में बाघ दिखाई देने से क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को मुनादी कराकर अलर्ट जारी किया गया है। कहा गया है कि बाघ दिखाई देने पर तत्काल वन विभाग को जानकारी दें। बाघ जंगल के अंदर कोटरी, हिरण, जंगली सुअर समेत कई अन्य जीव-जंतु का शिकार कर भूख मिटाता है। बैल को भी अपना शिकार बना लेता है। बैल व मवेशियों को शिकार बनाने की जानकारी ग्रामीणों से मिलता है, क्योंकि वे मवेशियों के गायब होने की जानकारी विभाग तक पहुंचाते हैं। आशंका है कि यह बाघ गढ़चिरौली, बीजापुर-कोंडागांव के जंगल क्षेत्र से होकर पहुंचा होगा। उल्लेखनीय है कि माहभर पहले गरियाबंद के दूसरे रेंज में एक बाघ को देखा जा चुका है।

मध्यप्रदेश से लाएंगे तीन बाघ व बाघिन

टाईगर रिजर्व क्षेत्र में लंबे समय से बाघ नहीं देखा गया था। ऐसे में यहां बाघ लाने की अनुमति राज्य व केन्द्र सरकार से विभाग के द्वारा की गई थी। इसके लिए शासन से अब अनुमति मिल गई है। मध्यप्रदेश से बाघ लाया जाएगा। उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि राज्य व केन्द्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद यहां दो बाघिन व एक बाघ मध्यप्रदेश से लाया जाएगा। इसके बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की संख्या बढ़ जाएगी। उल्लेखनीय है कि टाईगर रिजर्व क्षेत्र के सर्वे में सिर्फ एक ही बाघ होने की पुष्टि हुई थी। वर्ष 2014 के सर्वे रिपोर्ट में तीन, वर्ष 2018 के रिपोर्ट में एक और वर्ष 2022 की गणना रिपोर्ट में भी एक बाघ होने की पुष्टि हुई थी। अब जल्द ही टाईगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि मध्यप्रदेश से भी एक साथ तीन बाघ व बाघिन लाया जाएगा और वर्तमान में यहां बाहर से एक बाघ पहुंच चुका है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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