जोरहाट (असम), 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । आज पूरे असम में परंपरागत उल्लास के साथ गोरु बिहू मनाया गया। इस अवसर पर असमिया समाज की एक अनूठी परंपरा—’कनी युज’ (अंडा युद्ध) का आयोजन जोरहाट जिलांतर्गत टियोक के बलमार क्षेत्र में किया गया।
जहां एक ओर आधुनिकता की चमक में अनेक पारंपरिक परंपराएं धुंधली पड़ती जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर अलोक युवा संघ की पुथिभोराल समिति ने गोरु बिहू की सांस्कृतिक गरिमा को बनाए रखने का उल्लेखनीय प्रयास किया। समिति द्वारा स्थानीय पुथिभोराल के बकरी क्षेत्र में पारंपरिक विधि से गोरु को स्नान कराकर, आसपास के गांवों के युवाओं को एकत्र कर अंडा युद्ध प्रतियोगिता आयोजित की गई।
इस प्रतियोगिता में लगभग 1500 अंडों का उपयोग किया गया, जिसमें हंस, कुत्ते सहित विविध प्रतीकात्मक रूपों के माध्यम से पारंपरिक खेल को जीवंत रूप दिया गया। आयोजन में टियोक बलमार के राजा सैकिया ने सबसे अधिक अंडे जीतकर विजेता का खिताब प्राप्त किया।
आयोजकों ने बताया कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य न केवल सांस्कृतिक विरासत को सहेजना है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से परिचित कराकर उनमें अपनत्व और भाईचारे की भावना को भी प्रबल करना है। यह आयोजन निःसंदेह असमिया सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखने का एक सुंदर उदाहरण है।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर
