– प्रदेश में 15 जनवरी तक चलेगा सर्वे, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की रिपोर्ट होगी तैयार
चंडीगढ़, 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । हरियाणा सरकार के आदेशों के बावजूद शिक्षकों ने प्रदेश में ड्राप-आउट विद्यार्थियों को तलाशने का सर्वे करने से इनकार कर दिया है। अध्यापक संगठनों के विरोध के चलते अब शिक्षा विभाग ने यह सर्वे एजुकेशन वालंटियर के माध्यम से करवाने का फैसला किया है।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से राज्य के सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं कि शीतकालीन अवकाश के दौरान शिक्षा स्वयंसेवकों की भागीदारी के साथ सर्वेक्षण कार्य को आगामी 15 जनवरी तक बढ़ाया जाता है।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि अधर में पढ़ाई और स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान पूरी गंभीरता के साथ की जाए। सर्वे के दौरान स्कूल स्तर पर कोई भी मोहल्ला, वार्ड, गली व घर छूटना नहीं चाहिए। सर्वे रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिसके आधार पर सरकार आगामी शैक्षणिक सत्र में ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाई की राह पर लाने का एक्शन प्लान तैयार करेगी।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों में ड्राप आउट की बढ़ती चुनौती को देखते हुए स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान करने के लिए शीतकालीन सत्र में सर्वे का एक्शन प्लान तैयार किया था, लेकिन एक्शन प्लान परवान नहीं चढ़ पाया। एक्शन प्लान के तहत शीतकालीन अवकाश के दौरान ड्राप आउट बच्चों की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें नए शैक्षणिक सत्र में दाखिला दिलाना प्राथमिकता थी।
सर्वे के दौरान शिक्षा विभाग का लक्ष्य एससी और एसटी समुदायों के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ व बेघर, प्रवासी, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोड़ना है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का भी डाटा तैयार किया जाएगा ताकि उन्हें दोबारा से स्कूल लाया जा सके।
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(Udaipur Kiran) शर्मा