West Bengal

शिक्षा सचिव ने की बर्खास्त शिक्षकों से बैठक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाए गए कदम

आंदोलनरत शिक्षक

कोलकाता, 26 मई (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 के एसएससी पैनल से हटाए गए योग्य शिक्षकों से औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है। सोमवार को कोलकाता स्थित विकास भवन में शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों और ‘योग्य’ माने गए बर्खास्त शिक्षकों के छह प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में शिक्षा सचिव विनोद कुमार स्वयं मौजूद थे, जबकि शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु इसमें शामिल नहीं हुए।

रविवार को ही मंत्री ब्रात्य बसु ने घोषणा की थी कि सरकार सोमवार को योग्य शिक्षकों से संपर्क साधेगी। उसी के तहत यह बैठक बुलाई गई।

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 2016 की एसएससी भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द करते हुए वर्ष के अंत तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। इसके चलते लगभग 26 हजार शिक्षक और अशैक्षणिक कर्मचारी अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे हैं।

हालांकि बर्खास्त शिक्षक फिर से परीक्षा देने के पक्ष में नहीं हैं। वे अपनी पुरानी भर्ती को बहाल करने की मांग पर अडिग हैं और लगातार आंदोलनरत हैं। उनका एक बड़ा समूह ओएमआर शीट की मिरर इमेज सार्वजनिक करने की भी मांग कर रहा है।

सोमवार को हुई बैठक में जिन छह प्रतिनिधियों ने शिक्षकों की ओर से भाग लिया, उनमें वृंदावन घोष, राकेश आलम, चिन्मय मंडल, अपराजिता पांडा, हबीबुल्ला और अमितरंजन भुइंया शामिल थे। सरकार की ओर से शिक्षा सचिव के साथ विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस बैठक से किसी समाधान की दिशा में ठोस पहल हुई या नहीं। लेकिन इसे सरकार और बर्खास्त शिक्षकों के बीच संवाद की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।

सरकार द्वारा तीन श्रेणियों में बांटे गए बर्खास्त शिक्षक—एक वर्ग जो आंदोलन कर रहा है, एक जो सरकार पर भरोसा कर रहा है और तीसरा जो किसी भी प्रक्रिया में सक्रिय नहीं है—अब आगे की कार्रवाई और संभावित समाधान को लेकर प्रतीक्षा कर रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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