जयपुर, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आज कलकत्ता में स्वतंत्रता सेनानी और 1946 के कलकत्ता दंगों के महानायक गोपाल पाठा के घर जाकर उनको नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। दिलावर कलकत्ता में 39, मलंगा लेन स्थित गोपाल पाठा के निवास पर पहुंचे और उनके पोते शांतनु मुखर्जी, उनकी दो पोतियां अनिता मुखर्जी तथा निहारिका मुखर्जी से मुलाकात कर उनका पुष्पमाला और रामायण भेंट कर अभिनंदन किया।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री को अपने घर पर देख गदगद गोपाल पाठा के परिजनों ने मंत्री का भावभीना स्वागत किया। मंत्री दिलावर गोपाल जी पाठा द्वारा संचालित जातीय आततन समिति के कार्यालय भी गए और गोपाल पाठा के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी और से श्रद्धांजलि अर्पित की। गोपाल पाठा के पोते शांतनु मुखर्जी ने मंत्री को गोपाल पाठा का चित्र भेंट किया। 16 अगस्त 1946 के उस दिन को याद करते हुए उनके परिजनों ने मंत्री को बताया कि यदि दादा नहीं होते तो आज कोलकाता भारत में नहीं होता। दादा और उनके साथियों ने मुस्लिम लीग और उसके द्वारा समर्थित दंगाइयों का डटकर मुकाबला किया। जिसके कारण दंगाई अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके और कलकत्ता पाकिस्तान में जाने से बच गया।
गौरतलब है कि 16 अगस्त 1946 की मुस्लिम लीग द्वारा डायरेक्ट एक्शन की घोषणा करने के बाद कलकत्ता में भारी नरसंहार शुरू हो गया था। दंगाइयों ने हिंदुओं का कत्लेआम शुरू कर दिया था। उस समय गोपाल मुखर्जी जो गोपाल पाठा के नाम से भी जाने जाते थे, ने दंगाइयों के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाया और डट कर उनका मुकाबला किया। तथा हजारों हिंदुओं की जान बचाई। चार दिन चले दंगों में गोपाल पाठा ने 10 हजार दंगाइयों को उनके अंजाम तक पहुंचाया। आखिरकार गोपाल जी के कारण मुस्लिम लीग के मंसूबों पर पानी फिर गया और हजारों हिंदुओं की जान बची।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने परिजनों को कहा कि आपके दादा का पश्चिम बंगाल ही नहीं पूरा देश ऋणी है। हम उनके महान संघर्ष और साहस को प्रणाम करते है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित