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शिक्षा मनुष्य के जीवन का सबसे कीमती तोहफा : जोराराम

समाज की प्रतिभाओं का सम्मान

जयपुर, 1 जून (Udaipur Kiran) । शिक्षा मनुष्य के जीवन का सबसे कीमती तोहफा है, जो व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है और संस्कार मनुष्य के जीवन का सार हैं। अच्छे संस्कारों द्वारा ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है और जब मनुष्य में शिक्षा और संस्कार दोनों का विकास होगा, तभी वह परिवार, समाज और देश का विकास कर सकेगा। इसलिए युवाओं में शिक्षा और संस्कार दोनों ही जरूरी हैं। यह बात पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने चितौड़गढ़ जिले के बिछोर में कुमावत समाज द्धारा आयोजित स्नेह मिलन समारोह में कही।

उन्होंने समाज की प्रतिभाओं का सम्मान करते हुए कहा कि प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती है। कुमावत ने प्रतिभाओं से लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ाने की सीख दी और कहा कि सम्मान करने से प्रतिभाओं का हौसला बढ़ता है। इस दौरान मंत्री कुमावत का समाज के लोगों ने माला पहनाकर एवं साफा बांधकर स्वागत किया।

नशा जीवन के लिए घातक

कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं में बढती नशे की लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह जीवन के लिए घातक है। इससे युवा पीढी बर्बाद हो रही है। श्री कुमावत ने कहा-नशा शरीर का नाश करता है। लंबे समय तक नशा करने से शरीर नशे का आदी हो जाता है, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है और व्यक्ति का मानसिक संतुलन भी बिगड़ने लगता है। नशा करने से व्यक्ति को शारीरिक, आर्थिक और मानसिक नुकसान होता है, इसके बावजूद भी नशा करता है। हालांकि सरकार भी नशामुक्ति के लिए अभियान भी चलाती है। इसके अलावा समाज की बैठकों व अन्य कार्यक्रमों में भी नशामुक्ति को लेकर जन-जागरण की जरूरत है।

कुमावत ने समाज को राजनीतिक रूप से सक्षम बनने का आह्वान करते हुए कहा कि धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है। राजनीति के द्वारा हम समाज के दबे-कुचले लोगों और उपेक्षित समुदायों को ऊपर उठाते हुए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने का भरसक प्रयास कर सकते हैं। एक व्यापक बदलाव लाने का जो कार्य, बड़े से बड़े वेतन वाली प्रतिष्ठित नौकरी करके भी नहीं किया जा सकता है, उसे राजनीति के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है। राजनीति हमें सामाजिक न्याय के ऐसे बदलाव का सजग प्रहरी बना सकती है जो समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए अत्यन्त आवश्यक है, इसलिए कुमावत समाज एकजुट होकर राजनीतिक रूप से सक्षम बने।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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