Uttar Pradesh

शिक्षा गरीबी से बाहर निकालने की सीढ़ी है: डॉ. रश्मि गोरे

कार्यक्रम के दौरान अध्यापक और छात्राएं

कानपुर, 24 जनवरी (Udaipur Kiran) । शिक्षा एक मानव अधिकार और एक सार्वजनिक जिम्मेदारी है। जैसे जीने के लिए भोजन की आवश्यकता पड़ती है। ठीक उसी तरह समाज के हर व्यक्ति को शिक्षित होना भी जरूरी है। शिक्षा गरीबी से बाहर निकलने की बहुत ही अच्छी सीढ़ी है। जब तक अच्छी शिक्षा नहीं होगी। तब तक नौकरी नहीं होगी, नौकरी न होने से रुपए और समाज में मान सम्मान भी नहीं मिलेगा। इसलिए शिक्षा सर्वोपरि है। यह बातें शुक्रवार को शिक्षा दिवस पर सीएसजेएमयू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. रश्मि गोरे ने कही।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के शिक्षा विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर आज के बदलते परिवेश में शिक्षा विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ रश्मि गोरे ने अपने आशीर्वचन से करते हुए कहा कि आज दी गई शिक्षा विद्यार्थियों के कल का निर्माण करती है और समाज को विकास की ओर अग्रसित करने के लिए आधार प्रदान करती है। कार्यक्रम संयोजिका ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कि शिक्षा समाज की सार्वभौमिक आवश्यकता है। आज के समय में विद्यार्थियों को समाज की वर्तमान जरूरतों को समझना चाहिए और ऐसी शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। जो इन जरूरत को पूरा कर सके। ऐसा करने पर ही वे समाज के उत्पादक तथा सुसमायोजित नागरिक बन सकेंगे। इस अवसर पर हर्षिता, शिवांगी, दिव्यांशी, प्रीति, अमित, अर्श, नैंसी, ज्योति, मधु, अंजलि आदि विद्यार्थियों ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन शिवानी व देवांश ने किया। इस अवसर पर डॉ. बद्री नारायण मिश्रा, प्रिया तिवारी डॉ. स्नेहा पांडेय, डॉ. कल्पना आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / Rohit Kashyap

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