जम्मू 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने आज कहा कि सभी के लिए शिक्षा हमारा मुख्य उद्देश्य है और सरकार शिक्षक समुदाय की चिंताओं को दूर करते हुए शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए व्यापक कदम उठाएगी।
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी ने जम्मू कश्मीर शिक्षक संयुक्त कार्रवाई समिति द्वारा आयोजित “शिक्षा का स्तर कैसे बढ़ाया जाए“ विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सम्मेलन के दौरान संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा शुबा मेहता, जेकेटीजेएसी के अध्यक्ष सलीम सागर, जेकेटीजेएसी के अध्यक्ष विनोद शर्मा, महासचिव नजम जाफरी के अलावा शिक्षक भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए उपमुख्यमंत्री ने समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने शिक्षक समुदाय की मांगों और शिकायतों को उजागर करने में जेकेटीजेएसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा के मानक को विभिन्न रणनीतियों के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है जिसमें शैक्षिक भागीदारी का निर्माण, व्यक्तिगत शिक्षा प्रदान करना, प्रौद्योगिकी को अपनाना और वैश्विक जागरूकता बढ़ाना शामिल है।
उपमुख्यमंत्री ने शिक्षकों के लिए कक्षा में शिक्षार्थियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने निर्देश को अनुकूलित करने के लिए नई रणनीतियों की खोज करने पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को वैश्वीकृत दुनिया के लिए तैयार करने के लिए वैश्विक मुद्दों, सांस्कृतिक विविधता और आलोचनात्मक सोच कौशल को शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित करने का सुझाव दिया।
चौधरी ने कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सहयोग के माध्यम से शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास की भी वकालत की। उन्होंने नए और अनुभवी शिक्षकों को उनके व्यावसायिक विकास में सहायता करने के लिए शिक्षक मार्गदर्शन और कोचिंग के महत्व पर जोर दिया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण में सुधार, रटने की आदत को कम करने और अधिक समावेशी शिक्षण वातावरण बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने इंटर्नशिप, मेंटरशिप और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण के माध्यम से छात्रों के लिए कक्षा में सीखने को व्यावहारिक, वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों से जोड़ने के अवसर पैदा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इससे पहले, जेकेटीजेएसी के अध्यक्ष ने शिक्षण बिरादरी के वास्तविक मुद्दों पर प्रकाश डाला और उनके त्वरित समाधान की मांग की। इनमें आरईटी योजना को पुनर्जीवित करना, नियमित आरईटी शिक्षकों के लिए स्थानांतरण नीति, सभी प्रकार के गैर-शिक्षण कार्यों से शिक्षकों को छूट, पुरानी पेंशन योजना को पुनर्जीवित करना, कर्मचारियों के जीपी फंड बिलों और ग्रेच्युटी का निपटान और कर्मचारियों की समय पर डीपीसी शामिल हैं।
उपमुख्यमंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया कि सरकार चरणबद्ध तरीके से निवारण के लिए उनके सभी मुद्दों पर विचार करेगी।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
