देहरादून, 27 सितंबर (Udaipur Kiran) । विद्यालयी शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी को दूर करने के दृष्टिगत प्रवक्ता संवर्ग में 292 और अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर चयनित अभ्यर्थियों को तैनाती देने के निर्देश दे दिए गए हैं।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित न हो इसके लिये राज्य सरकार ने प्रवक्ता संवर्ग में 851 और अतिथि शिक्षकों की तैनाती का निर्णय लिया था। जिसके तहत दो चरणों में प्रदेश के विभिन्न राजकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है। इसके उपरांत सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों से विषयवार रिक्त पदों के सापेक्ष अतिथि शिक्षकों की डिमांड मांगी गई थी। तीसरे चरण में विभिन्न विषयों के 300 रिक्त पदों के सापेक्ष 292 अभ्यर्थियों का चयन पूर्व में तैयार मेरिट सूची से किया गया है। जिसमें गणित में 46, भौतिक विज्ञान में 52, रसायन विज्ञान में 62, जीव विज्ञान 32 तथा अंग्रेजी में 100 अतिथि शिक्षक शामिल हैं। भौतिक विज्ञान में आरक्षित सीटों पर अभ्यर्थी न मिलने पर 8 सीटें रिक्त रह गई हैं।
मंत्री ने बताया कि तीसरे चरण के तहत चमोली जनपद में विभिन्न विषयों में 43 अतिथि शिक्षकों को तैनाती दी जायेगी। इसी प्रकार पिथौरागढ़ में 58, पौड़ी 74, अल्मोड़ा 53, उत्तरकाशी 03, टिहरी 08, नैनीताल 07, चम्पावत 22, बागेश्वर 19, रूद्रप्रयाग 10 तथा देहरादून में 03 अतिथि शिक्षकों को एक सप्ताह के भीतर तैनाती दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया इन सभी चयनित अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश के पर्वतीय और दूरस्थ क्षेत्र के ऐसे विद्यालयों में तैनाती देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं। जहां पर शिक्षकों के अधिक पद रिक्त हो ताकि वहां शिक्षकों की कमी को दूर कर शैक्षिक गतिविधियों को सुचारू किया जा सके।
मंत्री ने बताया कि इस संबंध में चमोली, पिथौरागढ़, पौड़ी, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर और रूदप्रयाग के मुख्य शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश जारी किये गये हैं कि किसी भी विद्यालय में शिक्षकों की कमी न हो और विद्यालयों में शिक्षण कार्य निर्बाध रूप से संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा प्रदेश में शैक्षिक महौल को बेहतर बनाना है और प्रदेश के नौनिहालों को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराना है। इस दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार