
जयपुर, 27 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल फीस से जुडे विवाद को लेकर डिवीजनल कमेटी के आदेश की रिवीजन सुनने के लिए पिछले 9 साल से रिवीजन कमेटी नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। अदालत ने शिक्षा विभाग को तीन सप्ताह में रिवीजन कमेटी बनाकर एक जुलाई को पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने चेतावनी दी है कि यदि आदेश की पालना नहीं हुई तो दोषी अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम की याचिका पर दिए।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल वीसी के जरिए उपस्थित हुए। शिक्षा विभाग की ओर से एएजी बीएस छाबा ने कहा कि फीस एक्ट के तहत रिवीजन कमेटी बनाने में छह सप्ताह का समय लगेगा। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि एक ओर तो शिक्षा विभाग ने शपथ पत्र पेश कर कहा था कि कि फीस विवाद के लंबित रिवीजन प्रार्थना पत्रों पर 26 मई से सुनवाई शुरू कर देंगे। वहीं अब रिवीजन कमेटी बनाने के लिए छह सप्ताह का समय मांग रहे हैं। ऐसे में विभाग ने गलत शपथ पत्र दिया है। इस पर अदालत ने शिक्षा विभाग को कहा कि ऐसा शपथ पत्र क्यों दिया है। यह अवमानना है और क्यों ना इसके लिए दोषी अफसरों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अदालत ने शिक्षा विभाग को आखिरी मौका देते हुए तीन सप्ताह में रिवीजन कमेटी बनाने का आदेश दिया है। दरअसल भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम की याचिका पर हाईकोर्ट ने 9 सालों से रिवीजन कमेटी नहीं बनाए जाने पर शिक्षा सचिव को वीसी या व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का निर्देश दिया था। वहीं गत सुनवाई पर शिक्षा विभाग ने कहा था कि कमेटी में गैर सरकारी सदस्य नियुक्त नहीं हुए हैं और लंबित रिवीजन प्रार्थना पत्रों की संख्या को देखते हुए 26 मई से कमेटी सुनवाई करेगी।
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(Udaipur Kiran)
