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पश्चिम बंगाल और झारखंड में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में ईडी की छापेमारी

ईडी छापेमारी के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात जवान

कोलकाता, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । विधानसभा उप चुनाव के पहले चरण से एक दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल और झारखंड के विभिन्न स्थानों पर अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की है। इस छापेमारी में कुल 17 स्थान शामिल हैं, जिसमें रांची के बरियातू रोड स्थित एक होटल और एक रिसॉर्ट भी शामिल हैं। यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात है और ईडी की टीमों ने दस्तावेज़, लेखाजोखा और वित्तीय रिकॉर्ड खंगाले।

इस मामले में ईडी ने सितंबर माह में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें कुछ बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और अवैध तरीके से झारखंड में घुसपैठ के जरिए धन अर्जन की बात सामने आई थी। आरोप है कि इन महिलाओं को भारत में अवैध रूप से प्रवेश कराकर यहां कार्य दिलाने के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने झारखंड सरकार पर चुनाव प्रचार के दौरान आरोप लगाए हैं कि राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को सहयोग दिया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोप लगाया कि झारखंड को रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए एक ‘धर्मशाला’ बना दिया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक चुनावी रैली में घोषणा की कि यदि झारखंड में भाजपा सत्ता में आई तो घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर निकालने और उनकी जमीन वापस दिलाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

झारखंड पुलिस की ओर से रांची के बरियातू थाने में जून में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है। एफआईआर के अनुसार, एक बांग्लादेशी महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि वह बांग्लादेश से भारत में काम की तलाश में आई थी। पुलिस ने इस मामले में कई महिलाओं को हिरासत में लिया, जिनमें से एक के पास फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 34 सहित पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराएं भी लगाई हैं।

झारखंड हाई कोर्ट ने भी इस मामले में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए एक स्वतंत्र पैनल बनाया जाए। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने अदालत में शपथ पत्र दाखिल कर बताया कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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