नई दिल्ली, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला के मनी लांड्रिंग मामले में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका का विरोध किया है। मंगलवार को जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी, 2025 को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान मिशेल की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में निकट भविष्य में ट्रायल शुरू होने के आसार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिकतम सजा सात साल की होती है, जबकि मिशेल छह साल हिरासत में गुजार चुका है। इस पर ईडी की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि अगर मिशेल को जमानत दी जाती है तो उसके कानून से भागने का खतरा है।
इससे पहले हाई कोर्ट ने 25 सितंबर को मिशेल की सीबीआई के मामले में दायर जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दरअसल, अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के मामले में 3600 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला दर्ज किया गया है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी, 2023 को मिशेल की जमानत याचिका खारिज की थी। सीबीआई के मुताबिक मिशेल ने इस घोटाले की कुछ रकम 2010 के बाद हासिल की और कुछ 2010 के बाद। 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी, 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर, 2018 में भारत लाया गया था। 23 अक्टूबर, 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में 13 को आरोपित बनाया गया है। 19 सितंबर, 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंट इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपित बनाया गया है। इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपित नहीं बनाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है।
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