भोपाल, 23 दिसंबर (Udaipur Kiran) । परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन गौर के यहां लगभग 18 करोड़ रुपये नकदी और 54 किलो सोना मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच शुरू कर दी है। ईडी ने सोमवार को लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना में दर्ज एफआईआर के आधार पर सौरभ शर्मा और चेतन गौर के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (मनी लांड्रिंग एक्ट) के अंतर्गत प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इस दिशा में जांच की जाएगी कि संपत्ति कहां से कैसे अर्जित की गई है। दूसरे देशों से पैसे का गलत तरीके से लेन-देन तो नहीं हुआ है। इस संबंध में ईडी की ओर से लोकायुक्त पुलिस से जब्त संपत्ति की जानकारी और दस्तावेज मांगे जाएंगे। आयकर विभाग की एसेसमेंट रिपोर्ट तैयार होने के बाद उसके आधार पर भी जांच की जाएगी। इस मामले में सौरभ के परिवार से भी पूछताछ की जा सकती है।
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने भोपाल में मेंडोरी के जंगल में कार से सोने और नकदी मिलने के मामले की जांच शुरू कर दी है। इस गोल्ड के विदेश से आयात किए जाने की आशंका के मद्देनजर डीआरआई आयकर विभाग के सामान्तर जांच करेगा। इस संबंध में निदेशालय के अधिकारी एक होटल और स्कूल से जुड़े निवेश की भी जांच कर रहे हैं।
इधर, सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, वैसे ही नए-नए खुलासे भी हो रहे हैं। अब सौरभ के बारे में पता चला है कि वह नौकरी छोड़ने के बाद भी परिवहन विभाग में सक्रिय था। अपने लोगों को परिवहन के चेक पोस्टों पर भेजा करता था। हालांकि, तब सितंबर 2023 में कुछ अधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए जानकारी ऊपर तक भी पहुंचाई थी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो सौरभ शर्मा के पास करीब 12 लोगों की ऐसी टीम थी, जिनको परिवहन के चेक पोस्टों पर वसूली का अनुभव था। बीच-बीच में उसके लोगों के वीडियो भी सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यमों पर वायरल हुए थे, तब मामला ऊपर तक भी पहुंचा था, लेकिन लिखित शिकायत से पहले ही पूरा मामला दबा दिया गया था।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सौरभ काफी सतर्क रहकर काम करता था। उसे नाकों की भी पूरी खबर रहती थी। अगर उसके लोगों की कुछ शिकायत आती थीं तो वह अपने रसूख का उपयोग कर उसे दबा देता था। आयकर विभाग की टीम ने बिल्डर के यहां छापेमारी में अहम राजफाश करने के बाद अब सौरभ शर्मा पर फोकस बढ़ा दिया है। दिल्ली से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आयकर विभाग ने सोने और 10 करोड़ रुपये की नकदी की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सौरभ के दुबई से भारत आने के बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
परिवहन विभाग में पदस्थ सीनियर अफसर बताते हैं कि सौरभ के पिता स्वास्थ्य विभाग में थे। साल 2016 में उनकी अचानक मृत्यु के बाद उनकी जगह अनुकंपा नियुक्ति के लिए सौरभ की तरफ से आवेदन दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने स्पेशल नोटशीट लिखी कि उनके यहां कोई पद खाली नहीं है। अक्टूबर 2016 में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती सौरभ की पहली पोस्टिंग ग्वालियर परिवहन विभाग में हुई। मूल रूप से ग्वालियर के साधारण परिवार से संबंध रखने वाले सौरभ का जीवन कुछ ही वर्षों में पूरी तरह बदल गया। नौकरी के दौरान ही उसका रहन-सहन काफी आलीशान हो गया था, जिससे उसके खिलाफ शिकायतें विभाग और अन्य जगहों पर होने लगीं। कार्रवाई से बचने के लिए सौरभ ने वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत सेवानिवृति ले ली। इसके बाद उसने भोपाल के नामी बिल्डरों के साथ मिलकर प्रॉपर्टी में बड़े पैमाने पर निवेश करना शुरू कर दिया।
आयकर विभाग की जांच में यह भी पता चला है कि सौरभ ने अरेरा कॉलोनी स्थित बंगला E-7/78 साल 2015 में सवा दो करोड़ रुपये में खरीदा था। हालांकि, सौरभ इसे अपने बहनोई का बंगला बताता है। बंगले की वर्तमान कीमत लगभग सात करोड़ रुपये है। सूत्रों के मुताबिक, नौकरी करते समय खरीदा गया ये बंगला सौरभ ने किसी अन्य के नाम से खरीदा था।
गौरतलब है कि गत 19 दिसंबर को लोकायुक्त और आयकर विभाग के छापों में सौरभ शर्मा के ठिकानों से 235 किलो चांदी, आठ करोड़ रुपये नकदी और सोने-चांदी के गहने मिले थे। वहीं, आयकर विभाग को भोपाल के मेंडोरी के जंगल में 19 दिसंबर की देर रात लावारिस हालत में मिली एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद भी बरामद हुए थे। कार से बरामद सोने की कीमत करीब 40 करोड़ 47 लाख रुपये आंकी गई है। कार का मालिक चेतन सिंह गौर सौरभ का करीबी है।————
(Udaipur Kiran) तोमर