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अवैध खनन मामले में ईडी ने दाखिल की चार्जशीट, आठ लोगों को बनाया आरोपी

फाइल फोटो : ईडी

शिमला, 30 जनवरी (Udaipur Kiran) । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश की ब्यास नदी और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित यमुना नदी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हुए अवैध खनन मामले में आरोपियों के खिलाफ गाजियाबाद की विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत (प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट) दाखिल की है। इस मामले में मुख्य आरोपी ज्ञान चंद समेत आठ लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। अदालत ने 17 जनवरी 2025 को ईडी द्वारा दाखिल इस शिकायत का संज्ञान भी ले लिया है।

ईडी की तरफ से गुरूवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ये कहा गया है।

दरअसल ईडी ने यह मामला कई शिकायतों और खुफिया जानकारी के आधार पर दर्ज किया था जिसमें हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और ऊना जिलों में संगठित तरीके से चल रहे अवैध खनन गिरोहों के बारे में जानकारी दी गई थी।

जांच के दौरान सामने आया कि इन अवैध गतिविधियों से सैकड़ों करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) अर्जित की गई है। ईडी ने इस मामले की जांच हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा कांगड़ा और ऊना जिलों में विभिन्न थानों में दर्ज छह एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इन एफआईआर में आरोप लगाया गया कि सरकारी भूमि पर अवैध खनन हो रहा था और इसमें ट्रक, टिपर, पोकलेन, जेसीबी और ट्रैक्टर जैसी भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा था।

सहारनपुर में भी अवैध खनन का मामला दर्ज

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के बेहत थाना क्षेत्र में 1 नवंबर 2024 को एक और एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें ज्ञान चंद और अन्य पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 और खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 1957 (संशोधित) के तहत आरोप लगाए गए थे। यूपी पुलिस की इस एफआईआर को भी ईडी की जांच में शामिल कर लिया गया है।

ईडी ने इस मामले में मुख्य आरोपी ज्ञान चंद और उसके सहयोगी संजय कुमार उर्फ संजय धीमान को 18 नवंबर 2024 को गिरफ्तार किया था। मामले की गहराई से जांच के दौरान ईडी ने 3 जनवरी 2025 को करीब 4.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई की।

12 जगहों पर छापेमारी, खनन गिरोह की संलिप्तता उजागर

जांच के दौरान ईडी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 जगहों पर छापेमारी की जिनमें गियान चंद और उसके सहयोगियों के ज्ञान चंद भी शामिल थे। इस दौरान ईडी ने कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए। ईडी की कार्रवाई से यह साफ हुआ कि ज्ञान चंद और उसके सहयोगी ब्यास नदी से लेकर यमुना नदी तक फैले अवैध खनन में लिप्त थे।

ईडी की जांच में सामने आया कि इस अवैध खनन से अर्जित काली कमाई का इस्तेमाल अचल संपत्तियों, ट्रकों, टिपरों, जेसीबी, क्रशर और अन्य खनन मशीनरी खरीदने में किया गया। इस संगठित गिरोह ने खनिज संपदा का दोहन कर अवैध तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की।

ईडी की जांच अभी जारी है और संभावना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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