West Bengal

प्रेसिडेंसी जेल में ईडी ने फिर की संदीप घोष से पूछताछ, आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता मामले में जांच तेज

संदीप घोष के नाम पर और भी संपत्ति का खुलासा

कोलकाता, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक बार फिर प्रेसिडेंसी जेल में बंद संदीप घोष से पूछताछ की। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू की थी और संदीप को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद ईडी ने भी ‘ईसीआईआर’ (प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।

आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर की मौत के बाद वहां हो रहे वित्तीय घोटालों के आरोप उजागर हुए थे। आरोप था कि तीन साल से अधिक समय तक कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताएं की गईं। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए 16 अगस्त को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। लेकिन, अगले ही दिन हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

सीबीआई ने जांच के दौरान संदीप घोष और अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया। इस मामले में अस्पताल में कई तरह की अनियमितताओं के खुलासे हुए हैं, जिनमें शवगृह से शवों का गायब होना और जैविक कचरे के निपटान में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। अस्पताल के पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक अख्तर ने इन अनियमितताओं को लेकर पुलिस का ध्यान आकर्षित किया था।

ईडी ने अपनी जांच के दौरान कई ठिकानों पर छापेमारी की और संदीप घोष की पत्नी संगीता को भी पूछताछ के लिए तलब किया। अधिकारियों ने संदीप के बेलियाघाटा स्थित घर की तलाशी ली और उनके कई करीबियों की अघोषित संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित किया है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इन संपत्तियों से जुड़े कई लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।

ईडी ने इस मामले में संदीप घोष के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपितों, बिप्लव सिंह और अफसर अली से भी पूछताछ की अनुमति अदालत से मांगी थी। बताया जा रहा है कि अफसर अली, संदीप घोष का सुरक्षा गार्ड था। अदालत से अनुमति मिलने के बाद ईडी ने दुर्गा पूजा से पहले संदीप से पहली बार जेल में पूछताछ की थी और अब मंगलवार को फिर से पूछताछ की गई।

ईडी की जांच में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। मामले में ईडी की कार्रवाई आगे भी जारी रहने की संभावना है।

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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