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इको टूरिज्म: अब सराज की वादियां पर्यटकों से होगी गुलजार

मंडी, 03 मई (Udaipur Kiran) । मंडी जिला के अनछुए पर्यटन स्थलों को विश्व पर्यटन के मानचित्र पर लाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की ओर से इको टूरिज्म

को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के चलते प्रदेश मंत्रीमंडल ने हाल ही में मंडी जिला के कुल 21 साइट्स जिनमें से अकेले सराज में 17 साइट्स हैं, जिन्हें आगामी दस सालों के लिए लीज पर देने की कवायद शुरू हो गई है।

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासिचव एवं मिल्कफैड के पूर्व चेयरमैन चेतराम ठाकुर ने मंडी में पत्रकारों से इस सिलसिले में बात करते हुए बताया कि इको टूरिज्म के तहत सराज की 17 साइट्स को प्रदेश सरकार की मंजूरी के लिए भेजा गया था। जिसे हाल ही में हुई मंत्रीमंडल की बैठक में न केवल मंजूरी मिल गई है, बल्कि इसकी आगामी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

उन्होंने बताया कि मंत्रीमंडल से मंजूरी मिलने के बाद वन महकमें की ओर से इको टूरिज्म सोसायटी के माध्यम से लीज देने की कवायद शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि आवेदकों को एक हैक्टेयर वन भूमि दस साल के लिए लीज पर प्रदान की जाएगी। इसके लिए पांच मई तक ऑनलाइन आवेदन मांगें गए है, सात मई को बीड खुलेगी और नौ मई को फाइनेंसियल बीड खुलने के बाद एक महीने के अंदर डीएफओ नाचन से एग्रीमेंट करना होगा।

स्थानीय निवासियों को होगा फायदा

चेतराम ठाकुर ने बताया कि इको टूरिज्म के माध्यम से जहां मंडी जिला के अनछूए पर्यटन स्थल विश्व पर्यटन के मानचित्र पर उभरेंगे। वहीं पर इससे स्थानीय संस्कृति, रहन-सहन, खानपान से भी बाहरी पर्यटक रू-ब-रू होंगे। इससे स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प , स्थानीय व्यंजनों सीडु, कोदे की रोटी, आलू-राजमाह, गुच्छी, अन्य उत्पादों की खूब बिक्री होगी। जिससे लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा, जबकि युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सांस्कृतिक गरिमा बढ़ेगी ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में सुधार भी होगा। उन्होंने बताया कि बीते चालीस सालों से जो सपना देख रहे हैं अब वो साकार होने जा रहा है। जिसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और मंत्रीमंडल के सहयोगियों का आभार वयक्त किया है।

बको टूरिज्म से गुलजार होंगे ये स्थल

उन्होंने कहा कि अभी मंडी जिला की 21 साइटस चिन्हित हुई, चार नाचन की है। जबकि सराज की 17 साइट्स में शैटाधार, रैनगलू, स्पैहणी धार, देवकांढा, तुंगासी, खौली, थाची, पंजाई, नौण, भुलाह, स्टीमरजार और दुगाथर आदि शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व सरकार के समय सराज में बनाए गए हैलिपैड भी इको टूरिज्म को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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