
शिमला, 01 जून (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई इको-टूरिज्म नीति-2024 के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। वर्ष 2024 में प्रदेश में कुल 181.24 लाख पर्यटक पहुंचे, जिनमें 82 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 13.24 प्रतिशत अधिक है। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार हिमाचल को वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख इको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। नई इको-टूरिज्म नीति का उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण करते हुए पर्यटकों को आकर्षित करना, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना तथा हरित और सतत् विकास को बढ़ावा देना है।
प्रवक्ता ने कहा कि नीति के तहत राज्य के विभिन्न वन वृत्तों में 77 इको-टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है। इनमें शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, रामपुर, सोलन, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, डलहौजी, नूरपुर, रिकांगपिओ सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। शिमला के पॉटर हिल और शोघी, कुल्लू के सोलंग नाला और कसोल-पार्वती घाटी में ऑपरेटरों की नियुक्ति भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर पर्यटक ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, फॉरेस्ट कैंपिंग, प्रकृति वॉक, होमस्टे और नेचर ट्रेल जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। स्थानीय भागीदारी इस नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हर वन वृत्त में इको-टूरिज्म समितियां बनाई गई हैं जो इन योजनाओं को संचालित कर रही हैं। अब तक 70 से अधिक नेचर गाइड और 135 मल्टी-पर्पज वर्कर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ने ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था भी शुरू की है। 100 से अधिक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स की बुकिंग अब हिमाचल प्रदेश इको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। साथ ही 245 ट्रैकिंग रूट्स को कठिनाई स्तर के आधार पर सूचीबद्ध किया गया है और एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है।
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नई नीति पूरी तरह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम, 2023 के अनुरूप हो। कई वन मंडलों की कार्य योजनाओं में इको-टूरिज्म को विशेष अध्याय के रूप में शामिल भी कर लिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि आगामी पांच वर्षों में इको-टूरिज्म से 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
