शिमला, 2 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने के बाद आये सैलाब से हुई तबाही के बाद भूकम्प के झटकों के बाद धरती हिली है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में शुक्रवार को भूकम्प के हल्के झटके महसूस किए गए।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक भूकंप के झटके सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर आए। भूकंप की तीव्रता रियेक्टर स्केल पर 3 दशमलव 2 मापी गई और इसका केंद्र जमीन की सतह से लगभग पांच किलोमीटर नीचे रहा। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने से जिले में कहीं भी जान-माल को नुकसान नहीं पहुंचा है।
लाहौल-स्पीति में पिछले कुछ वर्षों से कई बार भूकम्प के झटके लग चुके हैं। हालांकि ज्यादा बार भूकम्प की तीव्रता कम रही है। लाहौल-स्पीति के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी भूकंप के झटकों से बार-बार धरती डोल रही है। भूकम्प के ज्यादातर झटके जम्मू-कश्मीर से सटे चम्बा जिला में आये हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश भूकम्प के लिहाज से अति संवेदन शील ज़ोन चार व पांच में शामिल है। वर्ष 1905 में चम्बा व कांगड़ा जिलों में आये विनाशकारी भूकंप से 10 हज़ार से अधिक लोगों की मौतें हुई थीं।
आठ अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी, येलो अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में अगले छह दिन लोगों को मौसम के कड़े तेवरों का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी आठ अगस्त तक गरज के साथ भारी वर्षा व बिजली कड़कने का येलो अलर्ट जारी किया है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चम्बा, कांगड़ा और मंडी जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका है। मौसम विभाग ने लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने और भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने की हिदायत दी है। पिछले 24 घण्टों के दौरान कुल्लू जिला के कसौल में 33, सियोबाग में 19, केलंग व बिलासपुर में तीन-तीन मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
मानूसन सीजन में 140 लोगों की मौत, 54 लापता, 159 घर क्षतिग्रस्त
प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक पिछले 35 दिनों में राज्य में वर्षा जनित हादसों में 140 लोग मारे गए हैं। इनमें 73 लोगों की पानी में बहने, डूबने, ऊंचाई से फिसलने, सर्प दंश व करंट से मौतें हुई हैं। इसके अलावा 67 लोगों की सड़क हादसों में जान गई है। इस दौरान 159 घर क्षतिग्रस्त हुए। इनमें 45 घर पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए, वहीं 114 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है। इसके अतिरिक्त आठ दुकाने व 118 पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं। राज्य में मानसून सीजन के दौरान 648 करोड़ का नुकसान आंका गया है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा शुक्ला