
– बिना चेतावनी उजाड़ा बसेरा, प्रशासन के वादों पर टिकी उम्मीद
– वन विभाग की कार्रवाई से दो दर्जन परिवार बेघर, पेड़ के नीचे गुजारनी पड़ी रातें
– एसडीएम ने पुनर्वास का दिया आश्वासन, ग्रामीणों में नाराजगी
मीरजापुर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजगढ़ ब्लाक के तालर ग्राम पंचायत के संरक्षित वन क्षेत्र में बसे दो दर्जन से अधिक कच्चे मकानों को सोमवार को वन विभाग ने जेसीबी चलाकर ढहा दिया। कार्रवाई के बाद बेघर हुए परिवारों को तपती धूप में छोटे-छोटे बच्चों के साथ पेड़ों के नीचे शरण लेनी पड़ी। पीड़ितों का कहना है कि उन्हें पूर्व में न कोई नोटिस मिला और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई। ग्रामीणों के अनुसार वे करीब 50 वर्षों से इस जमीन पर रह रहे थे और मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे थे। घर गिरने से खाने-पीने का सामान, कपड़े, बर्तन और अन्य घरेलू सामान मलबे में दब गए। दया गौड़, सोमरू, नीरज कोल, बोखे कोल, श्याम देवी समेत कई लोगों ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व चेतावनी के उनके घरों को गिरा दिया गया। इस दौरान दो महिलाएं माधुरी और सुमन घायल भी हो गईं।
पट्टे की जमीन पर बना घर भी नहीं बचा
धनुकधारी पुत्र राम बहाल ने बताया कि उन्हें 30 साल पहले दो बीघा जमीन पट्टे पर मिली थी, जिसमें वे खेती कर रहे थे और उसी पर कच्चा घर बनाकर रह रहे थे। बावजूद इसके, उनके घर को भी जेसीबी से गिरा दिया गया।
प्रशासन ने दिया मदद का भरोसा
मामला बढ़ता देख जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम संजीव कुमार व सीओ ऑपरेशन एमपी सिंह मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। एसडीएम ने प्रभावित परिवारों को जल्द ही वैकल्पिक जमीन और पुनर्वास की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया। ग्राम प्रधान महेश कोल ने बेघर लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
