शिमला, 15 जनवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से जिला चंबा के बेरोजगार युवाओं के जीवन में बदलाव आ रहा है। योजना के तहत 50 प्रतिशत सरकारी सब्सिडी पर इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे युवाओं को न केवल स्थिर आय मिल रही है बल्कि वे स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।
जिला चंबा के गांव मसरूंड निवासी प्रवीण कुमार, गांव कुमहारका निवासी चंदेश कुमार, गांव लाहरी (जतरून) निवासी जगतार सिंह, गांव काकड़ोलू निवासी राकेश कुमार, गांव ठेरु निवासी दीप कुमार और राकेश कुमार तथा गांव दरबला निवासी अजीत कुमार ने इस योजना का लाभ उठाया है। इन युवाओं ने 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ई-टैक्सियां खरीदीं और उन्हें सरकारी कार्यालयों में अटैच कर दिया है। प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 50,000 रुपये की निश्चित आय हो रही है।
युवाओं ने बताया कि पहले उन्हें निजी टैक्सी संचालन में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता था। अब, इलेक्ट्रिक वाहनों की कम लागत और सरकारी प्रोत्साहन ने उनके जीवन में स्थिरता और समृद्धि ला दी है।
योजना के लाभ में ई-टैक्सी खरीदने पर आधा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। 40 प्रतिशत राशि 7.9 फीसदी ब्याज दर पर बैंक लोन के माध्यम से दी जाती है। ई-टैक्सियों को 4-5 साल के लिए सरकारी विभागों में अटैच किया गया है।
चंबा के उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने कहा कि यह योजना बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने और हिमाचल को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
जिला रोजगार अधिकारी अरविंद चौहान ने बताया कि चंबा जिले में अब तक 19 युवाओं ने इस योजना के लिए आवेदन किया है, जिनमें 8 ने ई-टैक्सी खरीदकर इसका लाभ उठाया है। शेष आवेदकों के दस्तावेज जांच के अधीन हैं।
लाभार्थी युवाओं का कहना है कि सरकार की इस पहल से उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का आभार व्यक्त किया।
एक नई दिशा में हिमाचल प्रदेश
राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना न केवल बेरोजगार युवाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है, बल्कि यह राज्य के पर्यावरण को स्वच्छ और स्थिर बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला