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गर्भवती महिला के इलाज के दौरान गर्भपात मामले में कलेक्टर ने पेश की रिपोर्ट, हाइकोर्ट ने पूछा रिपोर्ट के बाद क्या कार्रवाई की गई ?

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सिम्स में गर्भवती महिला का गर्भपात होने के मामले को संज्ञान में लिया है। वहीं कलेक्टर बिलासपुर से इस मामले जांच रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद कार्रवाई के बारे में जवाब मांगा है। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बैंच में सुनवाई हुई और राज्य सरकार का पक्ष जाना।

इस मामले में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि कलेक्टर बिलासपुर के निर्देश पर डॉक्टर की गठित टीम की जांच रिपोर्ट उपलब्ध है, जिसे पेश किया गया। कोर्ट में बताया गया कि सिम्स में इलाज के दौरान प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। वहीं महिला को पहले इलाज के लिए कोटा भेजा गया था। कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला को सिम्स भेजा गया। इलाज के दौरान कोई दवाई या इंजेक्शन नहीं दिया गया है। वहीं इस पूरे मामले में कोर्ट के सामने कलेक्टर के निर्देश पर गठित की गई टीम की जांच रिपोर्ट पेश को किया। जिसपर कोर्ट ने कलेक्टर से जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई को लेकर जवाब अगली सुनवाई में पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई सात अप्रैल को निर्धारित की है।

उल्‍लेखनीय है कि कोटा थाना क्षेत्र के करगीकला निवासी गर्भवती महिला को पेट में दर्द होने की शिकायत पर सिम्स में 13 मार्च को भर्ती कराया गया था। पेट दर्द का इलाज कराने आई महिला का ऐसा इंजेक्शन लगाया गया कि उसका पांच माह का गर्भपात हो गया। महिला के पति ने सिम्स में गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण गर्भपात होने का आरोप लगाया। जिसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए। इस मामले को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए पिछली सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग के सचिव से हलफनामा में जवाब मांगा। वहीं गुरुवार को इस मामले में कलेक्टर की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई है। वहीं जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को लेकर के जवाब तलब किया है। साथ ही अगली सुनवाई सात अप्रैल को तय की गई है।

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(Udaipur Kiran) / Upendra Tripathi

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