Uttar Pradesh

बीएचयू विश्वनाथ मंदिर में कलश स्थापना के साथ दुर्गा शप्तशती पाठ आरम्भ

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच स्थापित कलश: फोटो बच्चा गुप्ता
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच स्थापित कलश: फोटो बच्चा गुप्ता

– श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित, पूरे नौ दिन बाबा के आंगन में देवी आराधना

वाराणसी, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शारदीय नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर में कलश स्थापना के साथ श्री दुर्गा शप्तशती पाठ आरम्भ हो गया। मंदिर के मानित व्यवस्थापक प्रो. विनय कुमार पाण्डेय ने कलश स्थापना कर पूजन अर्चन किया। उन्होंने बताया कि श्री दुर्गा शप्तशती पाठ नौ दिनो तक जारी रहेगा। नवमी को पूर्णाहुति होगी।

उधर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी कलश स्थापन के साथ देवी की आराधना शुरू हुई। मंदिर के शास्त्रियों ने विधि विधान से मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापित किया। पहले दिन शाम को धाम के मंदिर चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच भजन, बनारसी लोकगीत, पचरा की प्रस्तुति भी हुई।

मंदिर न्यास के अनुसार नवरात्र में दूसरे दिन रामलीला में धनुष यज्ञ का मंचन (मंदिर चौक स्थित सांस्कृतिक मंच) तीसरे दिन राम के हाथों रावण वध का मंचन मंदिर चौक में ही होगा। चौथे दिन बंगाली लोक नृत्य धुनुची की प्रस्तुति, पांचवें दिन ललिता सहस्रनाम स्तोत्र, 51 शक्तिपीठों को प्रतिबिंबित करती 51 मातृशक्तियां करेंगी। छठे दिन महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र नृत्य, सातवें दिन देवी मां का भजन, आठवें दिन माता के नौ स्वरूपों को दर्शाती 09 कन्याओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। नौवें दिन प्रातःकाल: यज्ञ, हवन नीलकंठ मंदिर के समीप यज्ञ कुंड पर, सायंकाल: भजन, नृत्य होगी। विजयादशमी पर्व पर धाम में प्रातःकाल सांकेतिक रूप से शस्त्र पूजा (मंदिर प्रांगण में), शाम शास्त्रीय युद्ध कला का प्रदर्शन होगा। इसके अलावा नवरात्र में प्रतिदिन पांच शास्त्रियों द्वारा नौ दिन दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ, नवरात्र के नौ दिन विशालाक्षी माता को चुनरी, सोलह श्रृंगार व प्रसाद भेंट, नवरात्र में प्रत्येक दिवस नौ देवियों के अलग-अलग सिद्ध पीठों में चुनरी, सोलह श्रृंगार व प्रसाद भेंट किया जाएगा।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top