Chhattisgarh

लड़के के बालिग नहीं होने के कारण प्रशासन ने शादी रुकवाई , आठ माह बाद लेंगे फेरे

बाल विवाह रोकने पहुंची जिला बाल संरक्षण विभाग की टीम।

धमतरी, 10 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।वनांचल के ग्राम घोटगांव में एक आदिवासी परिवार के घर चार दिन बाद फेरे पड़ने वाले थे, लेकिन लड़के के बालिग नहीं होने के कारण प्रशासन ने शादी रूकवा दी। धमतरी जिले में इस साल का यह चौथा मामला है, जब कम उम्र में शादी करने वालों को प्रतिबंध की कीमत चुकानी पड़ी है।

बाल विवाह के लिए कड़े कानून बने सालों हो गए है, लेकिन लोगों में अब भी जागरूकता नहीं आई है। वनांचल से लेकर शहरी क्षेत्रों में भी नाबालिगों की शादी की खबरें आती रहती है। जो मामले महिला एवं बाल विकास विभाग के संज्ञान में आते हैं, उन पर कार्रवाई होती है, लेकिन कई लोग दबे-छुपे फेरे लगवा लेते हैं। ताजा मामला नगरी विकासखंड के ग्राम घोटगांव का है। यहां एक आदिवासी परिवार में चार दिन बाद शहनाई बजने की तैयारी हो गई थी। खबर लगते ही 10 अप्रैल को जिला बाल संरक्षण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम पहुंची और इस बारे में जानकारी ली गई।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि वर-वधु के अंकसूची देखने पर लड़के की उम्र 21 साल पूरा होने में आठ महीने कम निकली, ऐसे में कानूनी पहलुओं की जानकारी देकर स्वजनों को फिलहाल शादी रोकने की समझाईश दी गई। स्वजनों ने विभाग के बताए अनुसार काम करने का भरोसा दिया। हालांकि उन्हें इस बात का मलाल है कि वे शादी की पूरी तैयारी कर चुके थे और इसके लिए बकायदा सारे रिश्तेदारों को कार्ड बांटा जा चुका है। अब इस परिवार में वर्षाकाल के बाद ही शादी संभव हो पाएगा। बाल विवाह रोकने के लिए गई टीम में यशवंत बैस संरक्षण अधिकारी, प्रमोद अमृत विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी, चाईल्ड हेल्पलाइन केंद्र समन्वयक नीलम साहू, नर्मदा सुपरवाइज़ार, मंजू साहू, मनीषा निषाद चाइल्ड लाइन शामिल थे।

नौ साल में 83 बाल विवाह रोके

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि धमतरी जिले में वर्ष 2025 में अब तक चार स्थानों पर बाल विवाह रूकवाया जा चुका है। इनमें नगरी, मगरलोड के अलावा शहरी क्षेत्र धमतरी का एक केस भी शामिल है। विभाग द्वारा वर्ष 2016 से अब तक 83 परिवारों में बाल विवाह रूकवाया गया है। ऐसी स्थिति न बने इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण अभियान चलाया जाता है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह करना कानूनी अपराध है। बाल विवाह किए जाने पर बाल विवाह में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाती है, जिसमें दो वर्ष की सजा का प्रावधान है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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