Uttar Pradesh

राज्य सलाहकार के न पहुंचने से बिजली दर संशोधन के लिए नहीं हो सकी बैठक

बिजली प्रतिकात्मक फोटो

लखनऊ,

24 जुलाई (Udaipur Kiran) । कोरम पूरा होने के बावजूद पहली बार अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के

राज्य सलाहकार के न पहुंचने से विद्युत नियामक आयोग में बिजली दर संशोधन के लिए

समिति की बैठक नहीं हो सकी। इस पर कुछ सदस्यों ने गंभीर आपत्ति जताई और संवैधानिक

दायरे में उचित कदम उठाने की मांग की।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पुनः ऐलान कियाकि बिजली दर में कोई बढ़ोत्तरी नहीं

हो सकती। इसके लिए बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ जो निकल रहा है, उसके आधार पर अभी

बिजली दर में कमी करना जरूरी है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा आज ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी

संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की बैठक आयोग सभागार में 11बजे से बुलाई गई थी। बैठक में कोरम पूरा होते हुए भी बैठक

नहीं हो पाई। अब आगे

किसी अन्य तिथि पर बैठक आयोजित होगी। विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद

कुमार की अध्यक्षता में सदस्य संजय कुमार सिंह की उपस्थिति में जहां बुधवार की बैठक में पावर कारपोरेशन के प्रबंध

निदेशक पंकज कुमार उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश

कुमार वर्मा सहित अन्य विभागों के नामित सदस्य

मीटिंग में उपस्थित थे।

बैठक में आपसी इंट्रोडक्शन के बाद अपर मुख्य

सचिव ऊर्जा के न पहुंचने की वजह से अंततः बैठक नहीं हो पाई, क्योंकि

ऊर्जा क्षेत्र में सरकार का पक्ष अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को ही रखना होता है। बैठक

में उपस्थित कुछ सदस्यों ने बैठक को आगे पुनः आयोजित करने के मामले पर कड़ा विरोध

जताते हुए कहा कि यह गलत है सदस्य अपना समय निकालकर बैठक में पहुंचे हैं और कुछ

सदस्यों के न पहुंचने की वजह से बैठक टाली जा रही है जो जांच का विषय है।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार

समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि यह बहुत गंभीर मामला है। ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार

विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 87 के तहत गठित सबसे बडी संवैधानिक कमेटी

राज्य सलाहकार समिति की बैठक नहीं हो पाई, जो अपने आप में चिंता का विषय है। आज की बैठक में प्रदेश के विद्युत

उपभोक्ताओं की नई बिजली दरें क्या होगी। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का

बिजली कंपनियों पर जो 33122 करोड़ सर

प्लस निकल रहा है। उसके एवज में बिजली दरों में कितनी कमी होगी, सहित

अनेकों मुद्दों पर सभी को अपना पक्ष रखना था। इसके बाद बिजली दर को अंतिम रूप

दिया जाना था। लेकिन आज की बैठक में कुछ सदस्यों के न पहुंचने की वजह से बैठक नहीं

हो पाई। जो

विद्युत नियामक आयोग के इतिहास में पहली बार हुआ है। कभी भी विद्युत नियामक आयोग की

सलाहकार समिति की बैठक को आगे नहीं टालना पड़ा है। इस पर विद्युत नियामक आयत

गंभीरता से विचार करें और संवैधानिक दायरे में रहकर उचित कदम उठाए।

(Udaipur Kiran) / उपेन्द्र नाथ राय / मोहित वर्मा

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