रुद्रप्रयाग/देहरादून, 9 मार्च (Udaipur Kiran) । एनडीपीएस एक्ट-1985 के तहत गठित नार्को -समन्वय केंद्र (एनसीओआरडी) के चलते केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर गतिविधियों का एकीकरण कर दिया गया है। अब, जिला स्तर नशा उन्मूलन के चलते जा रहे अभियानों को और मजबूती मिलेगी। जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार ने जनपद में नशाखोरी के साथ साथ अवैध रूप से हो रही अफीम, खस-खस, एवं पोस्त आदि की खेती को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि विद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं के 100 मीटर की परिधि में तम्बाकू, गुटखा जैसे पदार्थों की बिक्री होने की सूचना पर तत्काल छापेमारी कर संबंधित के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित नशीली दवाईयों की बिक्री को रोकने के लिए निरंतर छापेमारी और सभी मेडिकल स्टोर में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। इधर, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि जनपद में मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और तस्करों को पकड़ने के लिए निगरानी और नियंत्रण के लिए निरंतर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जनपद में मादक पदार्थों की अवैध खेती के मामले न्यून हैं। स्कूल, विद्यालय, ग्राम, कस्बों के साथ ही जनपद में अलग-अलग स्थानों पर समय-समय पर आयोजित होने वाले मेला-महोत्सव और अन्य आयोजनों में लोगों को नशा से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत यदि कोई मादक पदार्थों की तस्करी या खेती करते हुए पकड़ा जाता है, तो दस वर्ष की सजा और आर्थिक दंड की सजा का प्रावधान है। वहीं, कोतवाली रुद्रप्रयाग के प्रभारी निरीक्षक मनोज नेगी ने बताया कि नशीले पदार्थों की तस्करी या खेती के बारे में आम नागरिक उत्तराखंड पुलिस एप पर ऑनलाइन या 112 पर डायल कर जानकारी दे सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
