Chhattisgarh

बलौदाबाजार : स्व-रोजगार से जोड़ने समूह की महिलाओं को दिया जाएगा  ड्रोन  प्रशिक्षण

ड्रोन चलाने वाली निरुपा साहू एवं निखिल कन्नौजे ने कलेक्टर सोनी से मुलाक़ात कर अपने अनुभव साझा किये
ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने कलेक्टर श्री सोनी से मुलाक़ात कर अपने अनुभव साझा किये

-कलेक्टर से ड्रोन दीदी व ड्रोन पायलट ने की मुलाक़ात

बलौदाबाजार, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । नमो ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत जिले के स्व सहायता समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को ड्रोन उडाने क़ा प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। कलेक्टर दीपक सोनी ने क़ृषि विभाग़ के अधिकारियों को इस सबंध में जरुरी निर्देश दिए हैं। ड्रोन दीदी श्रीमती निरुपा साहू एवं ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने आज मंगलवार को कलेक्टर श्री सोनी से मुलाक़ात कर अपने अनुभव साझा किये। कलेक्टर ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें प्रेरणा स्रोत बताया।उन्होंने उर्वरक व क़ीटनाशक छिड़काव में ड्रोन के उपयोग को किसानों के लिए फायदेमंद कहा और ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग करने की बात कही।

विकासखंड बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम लाहौद निवासी ड्रोन दीदी निरुपा साहू ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि, उन्होंने ड्रोन से दवाई छिड़काव क़ा कार्य अप्रैल 2024 से शुरू की हैं। इसके पूर्व उन्होंने ग्वालियर स्थित प्रशिक्षण संस्थान से ड्रोन उडाने क़ा 15 दिन क़ा प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण केंद्र में दौरान विश्राम व भोजन इत्यादि की बेहतर सुविधा थी। उन्होने बताया कि बिहान अंतर्गत वैभव लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुडी हैं।नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी क़ृषि विभाग के अधिकारियो से मिली।उनके पति जो सहकारी समिति लवन में कम्प्यूटर ऑपरेटर हैं उनसे भी मदद मिली। ड्रोन दीदी ने बताया कि ड्रोन से यूरिया या क़ीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड 300 रुपये शुल्क लेती हैं और अब तक करीब 25 हजार रुपये कमा चुकी हैं। ग्राम लटुआ निवासी ड्रोन पायलट निखिल कन्नौजे ने बताया कि वह इफ्को कंपनी से जुडा है और कंपनी के माध्यम से ड्रोन चलाने क़ा प्रशिक्षण लिया है। उन्होंने बताया कि ड्रोन को 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक उड़ाया जा सकता है। विगत अप्रैल माह से करीब 88 एकड़ खेतों में दवाई क़ा छिड़काव ड्रोन से कर चुके हैं।

उल्‍लेखनीय है कि, केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाले चार वर्षों में 15,000 स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाए। यह ड्रोन महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। ये ड्रोन कृषि क्षेत्र में उर्वरकों का छिड़काव करने के लिए उपयोग किए जाएंगे।

(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर

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