Uttar Pradesh

निजी इंस्टीट्यूट में छात्रों को दी जाएगी ड्रोन टेक्नोलॉजी की शिक्षा, ड्रोन कम्पनी से अनुबंध

फोटो प्रतीक

—छात्रों के लिए जॉब के नए अवसर, युवा टेक्नोलॉजी से ड्रोन का उद्योग स्थापित कर सकते हैं

वाराणसी, 07 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । पहड़िया स्थित निजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में छात्रों को ड्रोन टेक्नोलॉजी की शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए अशोका इंस्टीट्यूट ने चेन्नई की ड्रोन कम्पनी गरुण एअरोस्पेस लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है।

इंस्टीट्यूट के चेयरमैन ई.अंकित मौर्य के अनुसार अनुबंध से छात्रों के लिए जॉब के नए अवसर मिलेंगे। इंस्टीट्यूट छात्रों को ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रमाण पत्र भी देखा। साथ ही छात्रों के लिए माईनर डिग्री के लिए शिक्षा कोर्स प्रारम्भ किया जाएगा। पूर्वांचल के युवा आने वाले समय में इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से ड्रोन का उद्योग स्थापित कर सकते हैं। इन दिनों विश्व में ड्रोन का बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। भारत का ड्रोन यूनिकार्न, स्टार्ट अप ड्रोन को आकार दे रहा है। साथ ही यह भारतीय कृषि के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा में इसके इस्तेमाल से सरहद से लेकर खेती और किसानी में बहुत तेजी से बदलाव देखे जा रहे हैं। फसलों की पैदावार कम समय में ज्यादा की जा रही है। एक अकेला किसान इसके माध्यम से खेतों की निगरानी के साथ खाद ,पानी का छिड़काव कर रहा है। किसान फसलों में लग रहे रोगों की रोकथाम कर फसलों की ज्यादा पैदावार कर रहा हैं।

उन्होंने बताया कि छोटे व हल्के ड्रोन जिसका पेलोड 100 किलो से लेकर 130 किलो भार उठाने में सक्षम है। इससे युद्ध के मैदान में रसद एवं गोला बारुद को दुश्मन की नजर से बचाते हुए दिन या रात किसी भी समय मौके पर सुरक्षित पहुंचाने में मदद मिलेगी। आने वाले समय में पारंपरिक युद्ध की जगह ड्रोन ले रहे हैं । इस क्रांति से सैनिकों की कुर्बानियों को कम किया जा सकता है। यह दुर्गम पहाडियों की ऊॅची चोटियों पर फंसे सैनिकों व नदियों और समुद्र के तटों की रक्षा के लिए सैनिकों की काफी मदद करेगा। उन्होंने बताया कि शुरुआत में यह अनुबंध तीन वर्ष के लिए लागू रहेगा। उसके बाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति से इसके कार्यकाल को बढ़ाया जा सकेगा। एमओयू के तहत इंस्टीट्यूट एयरोस्पेस के लिए सिविल ,इलेक्ट्रिकल और कम्प्युटिंग सुविधाएं प्रदान करेगा ।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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