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देहरादून, 09 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड की वंचित वर्ग की बेटियां अब ड्रोन तकनीशियन बनकर नई उड़ान भर रही हैं। प्रदेश सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के तहत 52 युवतियों को ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार वंचित वर्ग के युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है।
पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा जैसी युवतियां, जो कभी लैपटॉप तक नहीं चला पाती थीं, आज ड्रोन असेंबलिंग, रिपेयरिंग और फ्लाइंग में दक्ष हो रही हैं। यह बदलाव संभव हुआ है आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स ड्रोन दीदी के जरिए।
देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत, छह जनवरी से हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।
पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन:
उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है।
ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 200 युवक-युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।
खुलेंगे रोजगार के अवसर:
प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसमें से कुछ खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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