Madhya Pradesh

सरकारी-प्राइवेट बस स्टेंड पर पेयजल की किल्लत, महिला यात्रियो के सबसे ज्‍यादा परेशानी

सरकारी-प्राइवेट बस स्टेंड पर पेयजल की किल्लत, महिला यात्रियो के सबसे ज्‍यादा परेशानी

भिण्ड, 6 जून (Udaipur Kiran) । भिण्ड सरकारी और प्राइवेट स्टेंड, से प्रतिदिन 2000-2500 हजार से अधिक सवारियां प्रतिदिन यात्रा करती है, लेकिन यहां पर सुविधाओं के आभाव के चलते भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेयजल और शौचालय की यहां पर विकराल समस्या है। यात्री प्रतीक्षालय को लेकर भी सवारियों में नाराजगी साफ झलक रही है।

50 साल पहले नपा ने प्राइवेट बस स्टेंड का भवन बनाकर आसपास दो दर्जन से अधिक दुकानों का निर्माण भी कराया था। उस समय यहां पर चमन बरसता था लेकिन रोडवेज बंद होने के साथ ही बस स्टेंड के भी बुरे दिन आ गए। बस आपरेटर खुद तो भवन का उपयोग कर लाखों रुपए कमा रहें है लेकिन भवन को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।

भिण्ड से मौ, लहार, आलमपुर, भारौली, अमायन, जालौन, उरई आदि रूटों पर चलने वाली बसों के यात्रियों को कहीं बैठने की व्यवस्था नहीं की गई है। मजबूरी में यात्रियों को बरगद के पेड की छांव में बैठकर इंतजार करना होता है। धूप से बचाने के लिए महिलाएं अपने मासूम बच्चों को सीने से लगाकर रखती हैं।

यात्री प्रतीक्षालय फर्स की टाइल्स भी उखडक़र गायब हो चुकी है। बुंकिंग विंडो के सामने कचरा के ढेर लगे हुए हैं। प्याऊ से पानी की टोटियां गायब हो चुकी है। यदि किसी यात्री को प्यास लगती है तो उसे पानी पास की दुकानों से खरीदकर पीना पड़ता है। ये तो प्राइवेट बस स्टड की समस्या रहीं। ऐसे ही हाल सरकारी बस स्टेंड की है।

7 सालों पहले स्वच्छता अभियान के दौरान बनाए गए शौचालयों का गंदगी के कारण उपयोग नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना महिला यात्रियों को करना पड़ता है। रोडवेज बस स्टेंड पर सालों से पानी की समस्या भी गंभीर रूप धारण किए हुए है।

पूर्व ने नपा ने यहां पर हैंडपंप का भी खनन कराया गया था। जो ज्यादातर खराब पड़ा रहता है। बताया जा रहा हे कि पानी बेचने वाले हेंडपंप को खराब कर देते हैं। बाहर से आने वाले राहगीरों को पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। गरीबों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छता अभियान के दौरान ही यहां पर शौचालयों के साथ यूरीनरी का निर्माण भी कराया गया था। वर्तमान में दोनो ही तबाह हो चुके हैं। इस कारण से महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्राइवेट बस स्टेंड पर लंबी दूरी पर चलने वाली लग्जरी बसों का कब्जा रहता है।

भिण्ड से इंदौर, भोपाल, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली तथा प्रदेश के अन्य शहरों की ओर जाने वाली बसों का का कब्जा रहता है। आ

25 साल से नहीं मिला नपा को किराया, लाखों रुपये बकाया

प्राइवेट बस स्टेंड पर दुकानों का नपा को करीब 25 साल से किराया नहीं मिला है। एक दर्जन से अधिक दुकानदारों पर लाखों रुपए बकाया है। कोर्ट के आदेश पर भी नपा को किराए का भुगतान नहीं किया गया है।लाखों रुपये बकाया होने के बाद भी नपा ने अभी तक बेदखली की कार्रवाई नहीं की है। कई दुकानदारों ने तो एक्सटेंशन भी कर लिया है सिकमी किराएदार भी बैठा दिए हैं। जिसने किराए पर दुकान ली थी, उसके स्थान पर वर्तमान में कब्जा किसी और का है।

वहीं इस संबंध में नपा अध्यक्ष वर्षा वाल्मीकि का कहना है कि सालों पहले प्रशासन की पहल पर नपा की जमीन प्राइवेट बस स्टेंड के लिए दी गई थी। जो लोग उपयोग कर रहे हैं उन्हें ही मेटीनेंस करना चाहिए। दुकानदारों ने सालों से किराया नहीं दिया है।

हिन्‍दुस्‍थान समाचार/अनिल

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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा

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