
नई दिल्ली, 05 मई (Udaipur Kiran) । रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने संयुक्त रूप से स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित की गई मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) का सीमित विस्फोटक के साथ सफलतापूर्वक युद्ध अभ्यास परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योग जगत को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की जलपोत-रोधी युद्ध क्षमता को और अधिक मजबूत बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि मल्टी इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) को डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) ने भारतीय नौसेना के लिए आधुनिक स्टेल्थ युद्धपोतों के विरुद्ध बढ़त दिलाने के उद्देश्य से डिजाइन और विकसित किया है।
एमआईजीएम युद्धपोतों, तैरते प्लेटफार्म (सीओओपी) और पनडुब्बियों से तैनात की जा सकती है। इसमें एफआरपी कंपोजिट, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, उच्च घनत्व ऊर्जा स्रोत, सॉफ्टवेयर और सेंसर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। एमआईजीएम दो संस्करणों—प्रशिक्षण और युद्ध—में उपलब्ध है और यह केबल नियंत्रित तथा स्वायत्त दोनों मोड में कार्य करती है।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
