RAJASTHAN

डॉ विनोद सोमानी ‘हंस’ का नया लघु कविता संग्रह ‘महर के मोती’ गागर में सागर— देवनानी

डॉ विनोद सोमानी 'हंस' का नया लघु कविता संग्रह 'महर के मोती' गागर में सागर— देवनानी

अजमेर, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । अमृत सम्मान से सम्मानित राजस्थानी, मायण एवं हिंदी भाषा में सिद्धहस्त वयोवृद्ध साहित्यकार, लेखक एवं कवि डॉ विनोद सोमानी ‘हंस’ के नए लघु कविता संग्रह ‘महर के मोती’ राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के हाथों सोमवार को समाज को समर्पित कर दिया गया।

डॉ हंस के पुत्र सीए डॉ श्याम कुमार सोमानी ने देवनानी को उनके अजमेर स्थित निवास पर पहुंच कर पुस्तक की प्रति समाज को लोकार्पित करने के लिए प्रस्तुत की। प्रो वासुदेव देवनानी ने डॉ हंस के संग्रह में प्रकाशित 267 लघु कविताओं के प्रति अपना रुझान दर्शाया और कहा कि चार—चार लाइनों की कविताओं के इस संग्रह में डॉ हंस ने जीवन को साधने के बड़े संदेश दिए हैं। इन कविताओं में लेखक का उम्र भर का तजुर्बा साफ झलकता है, बदल रहे समाज के आचार—विचार पर रचनाकार की गहरी नजर दिखाई देती है। समय के अभाव में जी रही नई पीढ़ी के लिए लेखक ने प्रेरणास्पद कविताओं से गागर में सागर भर दिया।

उल्लेखनीय है कि डॉ विनोद सोमानी ‘हंस’ राजस्थान के उन चुनिंदा साहित्यकारों में से एक हैं जिन्हें राजस्थान साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023—2024 के अमृत सम्मान से नवाजा है। डॉ विनोद सोमानी ‘हंस’ की अब तक लगभग 40 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है जिनमें कहानी व कविता संग्रह, अनुवाद आदि शामिल हैं। नया लघु कविता संग्रह ‘महर के मोती’ लेखक का 11 वां काव्य संग्रह हैं। लेखन ने हिन्दी, राजस्थानी भाषाओं में लिखे काव्य व कहानियों के जरिए अपने जीवन के अनुभव और चिंतन को दर्शाया है।

शब्द सागर के अध्यक्ष श्रीकृष्ण शर्मा ने डॉ हंस के लघु ​कविता संग्रह ‘महर के मोती’ की समीक्षा करते हुए कहा कि हंस का स्वभाव नीर क्षीर विवेक करना है इसीलिए संग्रह में कविवर कहते हैं कि ‘फैला दो तुम अंधियारा जग में, मैं दीपक नया जला दूंगा। आज की राजनीति पर व्यंग्य करते हुए डॉ हंस कहते है: आज के अर्जुन, कृष्ण को राजनीति सिखाते हैं। सुदामा पराए धन से गुलछर्रे उड़ाते हैं। कैसी विडम्बना है कि एक वो भी समय था जब : अर्जुन ने कृष्ण से, गीता सुनी एक बार, पर बार बार सुनकर भी हमारे मन में है अन्धकार। समीक्षक शर्मा ने कहा कि कविवर अपने अनुभव और पैनी दृष्टि से समाज के हर वर्ग को आइना दिखाते हैं।

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(Udaipur Kiran) / संतोष

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