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प्रयागराज, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में आर्थिक समृद्धि की दर को तेज करने के लिए आधारिक संरचना के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के साथ ही रोजगार सृजन पर ध्यान दिया है। आधारिक संरचना पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ से अधिक का व्यय किया जाएगा, जिसमें अनेक एक्सप्रेस वे, मेट्रो और एयरपोर्ट का निर्माण और विस्तार सम्मिलित है।
ईसीसी, अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफ़ेसर (डॉ) उमेश प्रताप सिंह ने कहा कि बजट में चार नए एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, मिर्जापुर, मथुरा और हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। पूर्वांचल के लिए नए एक्सप्रेस वे महत्वपूर्ण उपहार है जो कि इसे पश्चिम उत्तर प्रदेश से बेहतर ढंग से जोड़ेगा। इससे औद्योगिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोज़गार बढ़ेगा। धार्मिक पर्यटन से पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार की आय में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है और इसीलिए इस बजट में भी सरकार ने इस पर फ़ोकस बनाये रखा है।
उन्होंने कहा कि बजट लगभग 500 करोड़ रूपया विभिन्न प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के विकास में खर्च करने का प्रस्ताव रखा है। प्रदेश सरकार का प्रयास उत्तर प्रदेश में पर्यटन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और राज्य में रोजगार तथा आय सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार का लक्ष्य 2025 तक 1.10 करोड़ नौकरियां देने का है। इसके लिए अटल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर 400 करोड़ रुपये व्यय प्रस्तावित है।
डॉ सिंह ने कहा कि बजट के कुल व्यय का 22 प्रतिशत विकास कार्यों के लिए, 13 प्रतिशत शिक्षा, 11 प्रतिशत कृषि तथा 6 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर किया जाने वाले व्यय महत्वपूर्ण है। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी प्रयोगशालाओं और स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना, स्मार्ट कक्षाओं और डिजिटल पुस्तकालयों के साथ सरकारी पॉलिटेक्निक का उन्नयन, एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र का निर्माण प्रशंसनीय है।
डॉ उमेश प्रताप सिंह ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है। ऐसे में बजट में कृषि के विकास तथा आधुनिकीकरण और किसानों की आय बढ़ाने के जो प्रयास किए गए हैं, महत्वपूर्ण हैं। इस क्षेत्र पर लगभग 30,000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। बजट में सिंचाई सुविधा बढ़ाने का प्रयास उचित है। राज्य में आवारा पशुओं द्वारा फसलों का नुकसान रोकने के लिए सरकार ने आवारा पशुओं की देखभाल के लिए 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, बड़े पशु संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 140 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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