-पहले फीस 2100 रुपये थी, कोई सदस्य नहीं बनता था
-कुल 33,514 सदस्य शामिल, इसमें कई दिवंगत, सुधार नहीं हुआ
प्रयागराज, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । एशिया के सबसे बड़े संगठन केपी ट्रस्ट में 33,514 सदस्य हैं। इसमें भी कई लोग दिवंगत हो गये, लेकिन इसे ठीक नहीं किया गया। इसकी फीस भी पहले 2100रुपये थी। जिसके कारण लोग सदस्य भी नहीं बन पाते थे। अब हमने सदस्यता शुल्क 100 रुपये कर दिया कि सभी लोग हमसे जुड़ें। हमारा काम है सदस्यों को बढ़ाना व जोड़ना न कि तोड़ना। इन्ही कार्यों से मुझे हटाने के लिए साजिश रची जा रही है।
यह बातें शनिवार को प्रेस क्लब में केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्हा ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि जो पुराने मठाधीश लोग हैं और कायस्थ पाठशाला को अपनी जागीर समझते हैं, वो इसे लाने नहीं देता चाहते और 27 अक्टूबर को गवर्निंग काउन्सिल की बैठक में उसे पास नहीं होना देना चाहते।
डॉ. सिन्हा ने कहा कि कुमार नारायण एवं अन्य द्वारा जो अविश्वास प्रस्ताव 19 सितम्बर, 2024 को स्पीड पोस्ट से प्रेषित किया गया है, उसमें कुमार नारायण प्राथमिक सदस्य ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हताशा और जल्दबाजी में जो सदस्य हैं, वे अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुमार नारायण एवं अन्य ने जो 720 लोगों की अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सूची दी उनमें से 307 लोगों की सूची पूरी तरह से जालसाजी द्वारा कूटरचित है। इस जालसाजी में कुमार नारायण के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता टीपी सिंह, राघवेन्द्र सिंह एवं कौशलेन्द्र सिंह शामिल हैं।
अध्यक्ष ने कहा कि यह सब होने के बावजूद मैने कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं करवाया। क्योंकि सब अपने लोग हैं, हमें सभी को साथ लेकर चलना है। उन्होंने कहा कि पुराने मठाधीश लोग ही नहीं चाहते कि मैं कुछ अच्छा कार्य करूं। अंत में उन्होंने कहा कि अब 27 अक्टूबर को चर्चा होनी है, लेकिन यह लोग मठाधीशी को बचाने के लिए और 100 रुपये सदस्यता शुल्क का विरोध करने के लिए बहुत आतुर हैं। इस दौरान पवन श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव, अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव वरिष्ठ उपाध्यक्ष सहित कई लोग उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र