Uttar Pradesh

रोजगार चाहने वालों के बजाय रोजगार देने वालों को तैयार करने की दिशा में कार्य करना होगा: डॉ. सुनीता चंद्रा

बीएचयू में  क्षमता संवर्धन कार्यक्रम

—बीएचयू में विश्वविद्यालय शासकीयता पर क्षमता संवर्धन कार्यक्रम

वाराणसी,01 मई (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की स्टाफ डेवलपमेंट सेल की ओर से गुरूवार को “विश्वविद्यालय प्रशासन” पर आधारित क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव राज कुमार सोनी और डेवलपमेंट सेल के समन्वयक प्रो. सुजीत कुमार दुबे ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान की रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता चंद्रा ने उच्च शिक्षा के समक्ष वर्तमान चुनौतियों, कौशल विकास की आवश्यकता, ग्रामीण–शहरी विभाजन का उल्लेख किया। उन्होंने राज्य स्तरीय संस्थानों के सुदृढ़ीकरण, विदेशी सहयोग, बहुविषयक शिक्षा तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर खासा जोर दिया। डॉ सुनीता ने कहा कि आज भारत को रोजगार चाहने वालों के बजाय रोजगार देने वालों को तैयार करने की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की भूमिका में आए बदलाव और उसके द्वारा गुणवत्ता शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के प्रयासों को बताया। डॉ. चंद्रा ने कहा कि भारत की लगभग 25 फीसद आबादी 25 वर्ष से कम आयु की है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से विकास की आकांक्षा रखती है। उनके अनुसार, यदि परंपरा और आधुनिकता का समुचित समन्वय किया जाए, तो भारत पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है।

सहायक कुलसचिव राज कुमार सोनी ने बीएचयू को एक ऐतिहासिक संस्थान बताते हुए इसे विविध विषयों, संस्कृतियों और आकांक्षाओं का एक जीवंत संगम कहा। उन्होंने विश्वविद्यालयों को ज्ञान और नेतृत्व के पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि प्रभावी शासन नैतिक नेतृत्व, विवेकपूर्ण निर्णय-निर्माण और व्यापक दृष्टिकोण की प्राप्ति की आधारशिला है। उन्होंने कार्यक्रम को अमृत काल के पंच प्रण से जोड़ते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल विकसित भारत के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की प्रशासनिक क्षमताओं को बढ़ाना था, जिससे वे प्रभावी शासन पद्धतियों, उच्च शिक्षा में समकालीन रुझानों और अकादमिक संस्थानों में प्रशासन की भूमिका को बेहतर ढंग से समझ सकें। सेल के समन्वयक प्रो. एस. के. दुबे ने सभी प्रतिभागियों को उनकी सक्रिय सहभागिता के लिए बधाई दी और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण की सराहना की।

—————

(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

Most Popular

To Top